करीब तीन साल पहले ही सामने आएमोहनपुरा परियोजना के आस-पास के बड़े मुद्दे पर भी जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग मौन है। दो साल पहले फाइनल सर्वेके बाद तय हुआ था कि करीब 100 किमी टर्न सीधा किया जाएगा जिससे कुछ गांव प्रभावित होंगे।
– 1365 करोड़ से बनना है रामगंजमंडी-भोपाल लाइन।
– 700 करोड़ रुपए का प्रपोजल शुरू में बना था, जिसे बाद में बढ़ाया।
– 108करोड़ रुपएइस बार के बजट में मिले।
– 200करोड़ वर्ष-2016 में मिले थे।
– 100करोड़ 2017 में मिले।
– 200करोड़ 2018 में मिले।
-झालावाड़ तक चालू हो चुकी है लाइन।
-मप्र में रेल्वे के नाम पर महज भू-अर्जन।
– 260किमी का है पूरा प्रोजेक्ट।
(नोट : रेलवे से प्राप्त जानकारी के अनुसार)
2003 के आस-पास 100 करोड़ मिले थे जिसमें मप्रकी सीमा से ब्यावरा तक के काम के टेंडर भी लग गए थे लेकिन उसके बाद सत्ता परिवर्तन हुआ। तब से जमीन अधिग्रहण से आगे काम ही नहीं हुआ। जो राशिमिली थी वह उपयोग नहीं हुई तो दूसरी जगह ट्रांसफर कर दी गईथी। यहां की राशिलेप्स हो गईथी।
– राशिद जमीन, पूर्वसदस्य, रेलवे सलाहाकार समिति, राजगढ़
जमीन का कुछ मामला खिलचीपुर-राजगढ़ के बीच का शेष है, बाकी इसमें पूरा काम किया जा रहा है। 108 करोड़ इस बार मिले हैं। साथही पीएम के फॉस्टटैग प्रोजेक्ट में शामिल है। 2022 तक ट्रेन हर हाल में चलने लगेगी।
– रोडमल नागर, सांसद, राजगढ़
राशि तो मिली है
पिछले कुछसालों में भी और इस बार भी कुछराशि मिली है। पिंकबुक की पूरी जानकारी हमारे पास नहीं पहुंच पाई है। हां इतना जरूर है कि रामगंजमंडी लाइन के लिए राशिआईहै, अब लेप्स कहां हुईये इंजीनियरिंग वाले ही बता पाएंगे।
– आईए सिद्धिकी, पीआरओ, रेल मंडल, भोपाल