जहां प्रशासन द्वारा भी इस सबंध में प्रोजेक्ट तैयार कर शहर में दुकानों के निर्माण कराने की बात की जा रही है। जबकि नगरपालिका द्वारा शहर में दो अलग अलग स्थानों पर 110 दुकानों के निर्माण का प्रस्ताव करीब दो साल से अटका हुआ है।
यदि इन दुकानों का निर्माण हो जाए तो शहर वासियों को काफी हद अपने रोजगार के लिए दुकानें उपलब्ध हो सकती है। जबकि शहर के सोन्दर्यकरण के लिए वित्तिय संकट से जूझ रही नपा को भी इन दुकानों के आवंटन से अच्छी खासी आमदानी हो सकती है।
110 दुकानों का प्रस्ताव अटका
नगरपालिका की माने तो वर्तमान नगरपरिषद द्वारा शहर के पुराने बसस्टैंड पर पुरा स्कूल के बाहर ९२ दुकाने बनाने का प्रस्ताव काफी पहले किया गया था। जिसके बाद योजना समिति की बैठक में भी इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिल गई थी। लेकिन बाद में राजस्व विभाग द्वारा पुराने बसस्टैंड की इस जमीन को नपा के हेंडओवर नहीं करने के कारण यह प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया।
अब पशासन द्वारा वह पार्क बनाने पर विचार किया जा रहा है। इधर अस्पताल रोड पर १८ दुकानें बनाने के लिए नपा ने सिर्फ प्रस्ताव तैयार कर लिया था बल्कि टेंडर के बाद ठेकेदार को वर्क आर्डर भी जारी काम भी शुरू करवा दिया था। लेकिन बाद में प्रशासन द्वारा इस जमीन को पार्क की जमीन बताकर दो बार काम रूकवा दिया गया।
कई साल से नहीं बनी सार्वजनिक दुकानेें
शहर के लगभग हर क्षेत्र में अवैध गुमठियों ओर कच्ची दुकानो के कारण अतिक्रमण जमा हुआ है। इसका प्रमुख कारण यहां व्यवस्थित दुकानों का आभाव भी है। दअसल नगरपालिका या शासन के किसी भी विभाग द्वारा पिछले करीब दस साल से कहीं भी नई दुकानों या शॉपिंग काम्पलेक्स का निर्माण नहीं किया है।
जबकि निजी स्तर पर बनी दुकाने या तो गैर कर्मिशलय क्षेत्र मे होती है या फिर इनकी कीमत इतनी अधिक होती है कि आम व्यक्ति ऐसी दुकानों को लेने का मन भी नहीं बना पाता। यहीं कारण है कि व्यवस्थित दुकानों के आभाव में जरूरतमंद गुमटियों और शासकीय स्थानों पर दुकानदारी जमाने से नहीं चूकते।
पुराने बसस्टैंड पर नपा द्वारा दुकानों के निर्माण के लिए पूर्व में हुए प्रस्ताव की जानकारी है। लेकिन उसके लिए जमीन आवंटित नहीं हुई थी। अब जमीन की तलाश कर रहे है। वहीं यदि अस्पताल रोड पर भी दुकानों के निर्माण के लिए कोई प्रस्ताव हुआ था तो उसकी जानकारी लेता हूं।
– संदीप अष्ठाना एसडीएम राजगढ़
हमने करीब 110 दुकानों का प्रस्ताव तैयार कर रखा है। लेकिन उसके निर्माण के लिए जमीन आवंटित नहीं हो पाई। यदि अब भ्ीा जमीन मिल जाए तो दुकानें बन सकती है।
– मंगला शैलेष गुप्ता नपाध्यक्ष राजगढ़