जानकारी के अनुसार परिवादी सुधीर सक्सेना द्वारा प्रस्तुत परिवाद पर सुनवाई करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट ने तत्कालीन एसडीएम अंजली शाह, एसडीओ पीडब्ल्यूडी आकाश दुबे, तहसीलादर अल्का सिंह, आरआई एस. एस. पटेलिया, नायब तहसीलदार सिद्धार्थ शर्मा, सीएमओ इकरार अहमद, हल्का पटवारी श्रीनाथ पालीवाल, रणवीर सिंह झाला, संजय चौधरी, गोलू अहिरवार, अखिलेश भरथरे मांगीलाल भिलाला सहित नपा और अन्य विभाग के कुल 20 लोगों के खिलाफ न्यायिक मजिस्ट्रेट ने धारा-427, 447, 454, 147, 506 (भाग-दो) और 120-बी के तहत तमाम लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।
मामले में पैरवी करने वाले एडव्होकेट एस. पी. यादव और ओ. पी. वर्मा ने बताया कि रोड के निर्माण के दौरान चार फरवरी 2018 को अवकाश के दिन तमाम प्रशासनिक जिम्मेदारों ने षडय़ंत्रपूर्वक मौके पर बलवा कर परिवादी को धमकी देते हुए संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।
बता दें कि शहर के बहुप्रतिक्षित और चर्चा में रहने वाले डिवाइडर वाले के लिए इंदौर नाका पर अतिक्रमण हटाया गया था। इसी मामले में परिवादी का आरोप है कि हमें कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी और एकाएक प्लॉनिंग से वह निर्माण तोड़ दिया गया जिस पर हाईकोर्ट की डिक्री थी, इसके बाद परिवादी ने सुप्रीम कोर्ट से स्टे भी लिया था।
ब्यावरा कोर्ट का फैसला…
शीत लहर की राशि का गबन करने वाले सरपंच-पटवारी को 10 साल की सजा
ब्यावरा.शासन द्वारा स्वीकृत शीत लहर की राहत राशि का गबन करने वाले पटवारी और सरपंच को ब्यावरा कोर्ट से 10-10 साल की कैद और 10 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश निवेदिता मुद्गल ने आरोपी परसूलिया पंचायत की तत्कालीन सरपंच गीताबाई पति प्रहलाद दांगी (45) और हल्का पटवारी कोमलप्रसाद पिता मदनलाल शर्मा (72) निवासी शहीद कॉलोनी, ब्यावरा को उक्त सजा सुनाई है।
जानकारी के अनुसार शीत लहर के दौरान खराब हुई फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए शासन की ओर से जुलाई -2009 में राहत राशि के चेक पंचायत स्तर पर वितरित करना थे। इस दौरान कुछ ग्रामीणों की शिकायत पर तत्कालीन नायब तहसीलदार आर. के. श्रीवास्तव ने करनवास थाने में 17 जुलाई 2009 को शिकायत की थी कि उक्त तत्कालीन सरपंच और पटवारी ने षडय़ंत्र पूर्वक जिन लोगों के लिए चेक आए थे वे उन्हें न देकर अन्य को दे दिए।
इस मामले में पुलिस और प्रशासन ने जांच में पाया था कि प्रेमनारायण पिता रामानारायण दांगी, भंवरलाल, गंगाधर, देबगस, प्रेमचंद्र, रामचरण, रामरतन, बापूलाल, देवचंद्र, दयाराम, गणेशराम, गंगाराम वर्मा, भंवरलाल, शिव कुमार राजपूत सभी निवासी परसूलिया के नाम पर आए शीत लहर की राहत राशि के चेक सरपंच और पटवारी ने मिलकर किसी अन्य को दे दिए।
पुलिस ने मामले में 17 जुलाई 2009 को करनवास थाने में धारा-420, 409, 467 और 468 के तहत मुकदमा कायम किया था। तमाम साक्ष्यों और सुनवाई के आधार पर दोनों आरोपियों को 10 साल की कैद की सजा सुनाई गई है।