ऋण माफी योजना में जिन किसानों की कर्ज माफी हुई उसमें दो लाख तक का निश्चित दायरा नहीं है। कई ऐसे किसान हैं जिनकी आधी राशि ही माफ हो पाई है और आधी राशि वसूलने के लिए बैंकर्स पर दबाव बनाया गया है। यानि शासन ने दो टूक कह दिया कि बाकी की राशि का सेटलमेंट (किश्तों में राशि लेना) कर बैंक प्रबंधन अपने स्तर पर वसूले। इसमें बैंकर्स को पसीने छूट रहे हैं और कर्ज माफी की बात को दिमाग में बैठा लेने वाले किसान बकाया नहीं चुका रहे।
जिलेभर में कई ऐसे प्रकरण है जिनमें लोकसभा चुनावों से पहले चुनावी प्रोपेगेंडा पूरा करने सरकार के जिम्मेदारों ने ऋण माफी के प्रमाण पत्र और सम्मान पत्र बांट तो दिए लेकिन अभी तक उन्हीं के खातों में रुपए नहीं आ पाए हैं। यानि वह राशि आएगी भी या नहीं यह भी स्पष्ट नहीं है। ऊपर से बोवनी के सीजन के दौरान किसानों की मुख्य जरूरत खाद-बीज भी बिना कर्ज चुकाए नहीं मिलेगा। किसान कर्ज माफी के आधार पर अपना काम आसान मान रहे थे, लेकिन फिलहाल यह भी तय नहीं है कि आगे और राशि आएगी भी या नहीं?
-41 करोड़ रुपए 23 मई को मिले।
-75 करोड़ रुपए अभी तक बांटे जा चुके।
-50 करोड़ के आस-पास राशि और आना है।
-8000 किसान और बचे हैं राशि से।
(नोट : बैक प्रबंधनों से प्रशासनिक स्तर पर प्राप्त जानकारी के अनुसार)