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आचार संहिता के बाद आए 41 करोड़ फिर भी कर्ज माफी की पूर्ति नहीं!

locationराजगढ़Published: Jun 04, 2019 11:21:57 pm

Submitted by:

Praveen tamrakar

प्रदेश सरकार के गले की फांस बन चुकी मुख्यमंत्री किसान ऋण माफी योजना से किसान संतुष्ट नहीं हो पा रहे हैं।

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Beaua. After the list of loan waiver was reached in banks, the farmers started getting screwed.

ब्यावरा. प्रदेश सरकार के गले की फांस बन चुकी मुख्यमंत्री किसान ऋण माफी योजना से किसान संतुष्ट नहीं हो पा रहे हैं। पहले दो लाख रुपए का बोलकर आधी ही राशि माफ की गई और आधी का सेटलमेंट बैंकर्स को सौंप दिया। अब उसी राशि की पात्रता में आने वाले करीब आठ हजार किसान जिले के और बचे हैं।

दरअसल, चुनाव और आचार संहिता खत्म होने के बाद हाल ही में जिले के लिए 41 करोड़ रुपए ऋण माफी योजना के तहत आए हैं लेकिन अभी भी कई किसान (करीब आठ हजार) इससे वंचित रह गए हैं। अब उन तमाम कर्जदार किसानों को सोसायटी का पुराना भुगतान करने के बाद ही आषाढ़ी के बोवनी वाले सीजन में खाद-बीज मिल पाएगा। यानि दो लाख रुपए तक की कर्ज माफी घोषणाओं तक ही सीमित रह गई और उन तमाम छूट चुके किसानों को उस प्रलोभन और दावे से दूर हटकर खुद अपना कर्ज चुकाना होगा। हालांकि सत्तारूढ़ पार्टी के जिम्मेदारों का तर्क है कि हर हाल में बची हुई राशि आएगी लेकिन योजना के तमाम जटिल मापदंड सहित लगातार हो रही खामियों ने किसानों को मुश्किल में डाला है।

बैंकों को भी करना होगा सेटलमेंट
ऋण माफी योजना में जिन किसानों की कर्ज माफी हुई उसमें दो लाख तक का निश्चित दायरा नहीं है। कई ऐसे किसान हैं जिनकी आधी राशि ही माफ हो पाई है और आधी राशि वसूलने के लिए बैंकर्स पर दबाव बनाया गया है। यानि शासन ने दो टूक कह दिया कि बाकी की राशि का सेटलमेंट (किश्तों में राशि लेना) कर बैंक प्रबंधन अपने स्तर पर वसूले। इसमें बैंकर्स को पसीने छूट रहे हैं और कर्ज माफी की बात को दिमाग में बैठा लेने वाले किसान बकाया नहीं चुका रहे।

प्रमाण-पत्र मिले, राशि नहीं पहुंची
जिलेभर में कई ऐसे प्रकरण है जिनमें लोकसभा चुनावों से पहले चुनावी प्रोपेगेंडा पूरा करने सरकार के जिम्मेदारों ने ऋण माफी के प्रमाण पत्र और सम्मान पत्र बांट तो दिए लेकिन अभी तक उन्हीं के खातों में रुपए नहीं आ पाए हैं। यानि वह राशि आएगी भी या नहीं यह भी स्पष्ट नहीं है। ऊपर से बोवनी के सीजन के दौरान किसानों की मुख्य जरूरत खाद-बीज भी बिना कर्ज चुकाए नहीं मिलेगा। किसान कर्ज माफी के आधार पर अपना काम आसान मान रहे थे, लेकिन फिलहाल यह भी तय नहीं है कि आगे और राशि आएगी भी या नहीं?

फैक्ट-फाइल
-41 करोड़ रुपए 23 मई को मिले।
-75 करोड़ रुपए अभी तक बांटे जा चुके।
-50 करोड़ के आस-पास राशि और आना है।
-8000 किसान और बचे हैं राशि से।
(नोट : बैक प्रबंधनों से प्रशासनिक स्तर पर प्राप्त जानकारी के अनुसार)
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