सड़क पर उतरे 500 से ज्यादा ग्रामीण
सात साल की मासूम बच्ची का कहीं पर भी पता न लगने के कारण अंबेडकर नगर से ग्रामीण नेशनल हाईवे 12 पर पहुंच गए जहां उन्होंने ब्यावरा और भोपाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगा दिया । 500 से भी ज्यादा ग्रामीण हाथों में डंडे लेकर सड़क पर बैठ गए और चक्काजाम कर दिया। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल रहे। जाम की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण मानने को तैयार नहीं थे।
जाम में फंसी सांसद की गाड़ी
ग्रामीणों के सड़क पर उतर आने के कारण हाइवे पर लंबा जाम लग गया। इसी जाम में भोपाल जा रहे सांसद रोडमल नागर और पूर्व विधायक अमर सिंह यादव भी फंस गए। मामला पता चलने के बाद सांसद नागर और पूर्व विधायक अमर सिंह गाड़ी से उतरकर ग्रामीणों के पास पहुंचे और ग्रामीणों से बात की। सांसद नागर ने ग्रामीणों से कहा कि जब आपने इतना समय दिया है तो पुलिस को थोड़ा सा समय और दें। सांसद ने कहा कि पुलिस को एक हफ्ते का वक्त और दें। पुलिस बालिका को खोजने का पूरा प्रयास करेगी तब कहीं जाकर ग्रामीण माने और पुलिस को 8 दिन का वक्त देते हुए जाम खत्म किया। जाम में दो एंबुलेंस भी फंस गई थीं और जैसे ही ग्रामीणों को जाम में एंबुलेंस फंसे होने की सूचना मिली तो उन्होंने मानवता दिखाते हुए एंबुलेंस को जाम से निकलवाया।
परिजन ने दर्ज कराई है नामजद शिकायत
7 साल की बालिका के परिजनों ने उसके अपहरण की नामजद शिकायत पुलिस को की है लेकिन पुलिस द्वारा इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया जिसके बाद ग्रामीण मुख्यमंत्री को भी भोपाल जाकर शिकायत कर चुके हैं और राजगढ़ आकर एसपी से भी मिले हैं लेकिन कोई हल नहीं निकलने के कारण जाम की स्थिति निर्मित हुई। जाम में शामिल ग्रामीणों ने कहा कि यह सिर्फ उनके माता-पिता की बेटी नहीं है वह पूरे गांव की बेटी है और जब हमारी बेटी का अपहरण होगा या कोई और करतूत उसके साथ होती है तो फिर हम शांत नहीं बैठेंगे।
देखें वीडियो-
पुलिस को नहीं मिला अब तक सुराग
पुलिस का कहना है कि लगातार बच्ची को ढूंढने के प्रयास किए जा रहे हैं। डॉग स्कावाड़ का उपयोग करने के बाद पुलिस ने बच्ची की गुमशुदा वाली पोस्टर आसपास के क्षेत्रों और थानों में लगाई गई है । पीड़ित परिवार के जाति समुदाय के लोगों में जांच टीम भेजी गई है जिसमे बोड़ा, पचोर देवास में भी तलाश कराई जा रही है । पूछताछ के लिए एक व्यक्ति को बुलाया गया था जिस पर परिवार को शक था परंतु उससे कोई खास जानकारी नहीं मिली है।