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प्रशासन का दावा-जवाब तैयार, लेकिन रिपोर्ट में लेटलतीफी

locationराजगढ़Published: Apr 10, 2018 11:40:01 am

Submitted by:

Ram kailash napit

एबी रोड पर स्टे के प्रकरणों में दोबारा नापतौल, रिपोर्ट तैयार होने के बावजूद नहीं निकला हल

road

The Road Road, constructed on AB road, is currently closed.

ब्यावरा. प्राइम लोकेशन पर आकर थमे डिवाइडर वाले रोड के काम ने जनता की परेशानी हर दिन बढ़ा दी है। अतिक्रमण हटाने के लिए तमाम तरह की सख्ती के बाद अब स्टे के विचाराधीन प्रकरणों में समाधान नहीं होने से मामला अटक सा गया है।
एबी रोड के तमाम आठ स्टेधारियों के मामलों में कुछ दिन पहले दोबारा एसएलआर द्वारा नाप किए जाने और एडीएम द्वारा मौका मुआयना कर लेने के बावजूद अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। इससे न्यायालय की शरण में गए तमाम स्टेधारी भी असमंजस में है, उनके पक्ष, उनकी मांग और तर्कको लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही। साथ ही शहरभर में चर्चा का दौर जोरों पर है कि आखिर प्रशासन की ओर से ऐसी लेटलतीफी लगातार क्यों हो रही है? बता दें कि 18 करोड़ के ५.१९ किमी रोड का गुना नाका से पीपल चौराहा और भोपाल बाइपास से मुल्तानपुरा तक के हिस्से का रोड बन चुका है। जिस पर आवागमन सुचारू भी हो चुका है। शहर की प्राइम लोकेशन पीपल चौराहे से मुल्तानपुरा तक का काम अटका हुआ है।
रोड का काम थमने से हर दिन परेशानी
इधर, स्टे के प्रकरणों के अलावा पीपल चौराहे से आगे की एक पट्टी का काम भी नहीं शुरू हो पाया है। ऐसे में लगातार ट्रैफिक के हालात बिगड़ रहे हैं। चौराहे पर ही स्थित एक डीपी के नहीं हटने से निर्माण एजेंसी आगे का काम नहीं कर रही है। ऐसे में सबसे व्यस्ततम क्षेत्र में ही काम रुक जाने से सर्वाधिक ट्रैफिक दबाव बना हुआ है। धूल से शहरभर के लोग परेशान हो रहे हैं। सुबह से भरी दोपहरी में भी बार-बार जाम के हालात बनते हैं।
रोड बनने के साथ ही रोड के आस-पास की फुटपॉथ और डिवाइडर का विकास भी किया जाना है। इसके तहत डिवाइडर पर जाली के साथ पौधे लगाए जाना हैं और फुटपॉथ पर पैबर्स लगाने की योजना नगर पालिका की है। अब लगातार हो रही लेटलतीफी से यह काम भी पेंडिंग होता जा रहा है। साथही नगर पालिका की ओर से तैयारी भी कागजों से बाहर नहीं निकल पा रही। बारिश से पहले यदि डिवाइडर पर पौधे लग गए तो ही वे बेहतर ढंग से डवलप हो पाएंगे।

प्रथम दृश्टया प्रशासन का पक्ष ही मजबूत है, तमाम दस्तावेज में कहीं जमीन निजी नहीं लग रही है। एक बार और पूरे अध्ययन के बाद फाइनल निर्णय लिया जाएगा। एक या दो दिन में पूर्णत: स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
-प्रवीणसिंह, प्रभारी एडीएम, राजगढ़
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