दिव्यांग अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लगातार प्रशासन के सामने अपनी बात रख रहे है। दिव्यांगों की समस्याओं में से जो जिला स्तर पर हल हो सकती है। उनके लिए कलेक्टर निधि निवेदिता ने कुछ विभागों को पत्र भी लिखे। जिनमें आरटीओ और जनपद सहित सामाजिक न्याय विभाग शामिल है। लेकिन उन पत्रों पर संबंधित विभागों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे में वें लगातार चाहे बात पेंशन की हो, विकलांग प्रमाण पत्र की हो या फिर यातायात में आरक्षित सीटों की।
कहीं भी उन्हें इस बात का आरक्षण नहीं मिलता। परेशान दिव्यांगों ने अपनी बात वापस प्रशासन तक पहुंचाने के लिए भूख हड़ताल शुरू कर दी। तीसरे दिन भूख हड़ताल पर बैठे दो लोग बीमार हो गए। जिन्हें रविवार की शाम 108 वाहन की मदद से जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया।
कलेक्टे्रट के सामने लगाया जाम
कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दे रहे दिव्यांग करीब 2 बजे धरना स्थल से उठकर सीधे हाईवे पर पहुंचे और यहां करीब 20 मिनिट तक जाम लगा रखा। सूचना मिलते हीं पुलिस भी मौके पर पहुंची, लेकिन वें अपनी बातों पर अड़े हुए थे। ऐसे में एसडीएम श्रुति अग्रवाल और नायब तहसीलदार भी मौके पर पहुंची। जहां उन्होंने दिव्यांगों के ज्ञापन को लेते हुए जो मांगे उनके स्तर की है। उन्हें हल करने की बात कहीं। साथ हीं शासन स्तर की मांगों को ऊपर भेजने की बात कहीं। लंबी बात चीत के बाद लगभग 20 से 25 मिनिट के बाद यह जाम खोला गया। इसके बाद चार दिनों से चल रहा धरना भी खत्म कर दिया गया।
इन मांगों की भी नहीं हो रहीं पूर्ति
– यात्री बसों में आरक्षित की गई सीटों पर भी नहीं दिया जा रहा लाभ।
– दिव्यांगों को मिलने वाली किराए की छूट का भी नहीं हो रहा पालन।
– विकलांग पेंशन के पात्र होने के बावजूद भी कई लोग आज भी पेंशन के लिए भटकते है।
– विकलांग शिविर के दौरान बजट बड़ा होने के बावजूद सुविधाएं न के बराबर होती है।
– फर्जी तरीके से बनाए गए विकलांग प्रमाण पात्रों को लाभ नहीं मिलता।
ये ऐसी मांगे है, जो आसानी से यहीं पूरी हो सकती है। यदि सात दिन में इन मांगों पर अमल नहीं होता है, तो संगठन अपना आंदोलन उग्र कर देगा।
राजेश विश्वकर्मा, दिव्यांग संघ जिलाध्यक्ष
– पहले भी इन्हें ज्ञापन को लेकर जो हमारे स्तर की मांगे है। उनके लिए हम कह चुके है और जो कलेक्टर मेडम स्तर की है, उनके माध्यम से भी प्रयास किए जा रहे है। लेकिन इस तरह के प्रदर्शन करना गलत है। जो वाजिब मांगे है वह शीघ्र पूरी होंगी।
श्रुति अग्रवाल, एसडीएम राजगढ़