इतनी बड़ी संख्या में होने वाले विवाह आयोजनों के असर जिले में भी साफ नजर आ रहा है। हालत यह है कि लोगों शादी समारोह के लिए होटल धर्मशाला के अलावा घोड़ी और बैंड तक तक नहीं मिल रहे। जिलेभर के बाजार खरीददारों से भरे पड़े है वहीं ट्रेन और बसों में पैर रखने की जगह नहीं है। अक्षय तृतीया पर बाजार में दोबारा लौटी इस रोनक का सबसे अधिक फायदा कपड़ा, ज्वेलरी और इलेक्ट्रोनिक्स आइटम के दुकानदारों को मिल रहा है। दरअसल विवाह आयोजनों में उपयोग के लिए सबसे अधिक बिक्री कपड़े, चांदी की ज्वेलरी और टीवी, फ्रिज और कूलर सहित अन्य इलेक्ट्रानिक्स आइटम की है।
बस और ट्रेन में नहीं है जगह
अक्षय तृतीया पर होने वाले विवाह समारोह के कारण ट्रेनों और बसों में भी सीट खाली नहीं है। पिछले करीब तीन चार दिन से ट्रेनों में खासी भीड़ नजर आ रही है। वहीं अधिकांश बसों के बारात आदि में लगे होने के कारण बसस्टैंड पर लोगों को साधन नहीं मिल रहे। गए है।
बाल विवाह पर रहेगी पैनी नजर
अक्षय तृतीया पर जिले में हर साल सैकड़ों की संख्या में बाल विवाह होते है। यही कारण है कि आज के दिन होने वाले बाल विवाह को रोकने के लिए प्रशासन ने विशेष टीम का गठन किया है। विभिन्न प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारियों की एक टीम बनाई गई जो आज जिलेभर में भ्रमण कर बालविवाह पर नजर रखेगी। टीम को किसी विवाह में शंका या शिकायत मिलने पर वरवधु के विवाह योग्य होने के दस्तावेज जांचने और ऐसा नहीं होने पर विवाह रूकवाने के जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं ऐसे में विवाह में भागीदार बनने वाले वरवधु के परिजनों सहित घोड़ी, बैंड,हलवाई विवाह करवाने वाले पंडित आदि पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए