यहां हमेशा की तरह इस बार भी आधी रात को होलीका दहन करने के लिए पूरे गांव से सुखी लकडी व गोबर के कंडे एकत्रित किये गए व होली का दहन किया गया। होली दहन के बाद हर घर का सदस्य, इस होली में तापने के लिए आया। साथ होली में जलाने के लिये नारियल भी अपने साथ लाया।
इसके बाद परंपरा के अनुसार गांव की सारी औरतें सामूहिक रूप से पनघट से पानी भरकर होली को ठंडी करने पहुंची, और उसे ठंडा किया। इस सब के बाद गांव के कुछ लोग जिनमें मुखिया,पटेल,जमीदार आदी शामिल थे, हर वर्ष की तरह देवताओं को खोजने के लिए जंगल व देव स्थानों पर निकल गए।
इसे ये लोग देवखोज प्रथा कहते हैं देवखोज प्रथा पूर्ण होने के बाद, गांव में गैर निकाली गई, इस गैर के तहत लोगों द्वारा सबसे पहले उस घर के लोगों पर होली का पहला रंग डाला जाता है, जहां गतवर्ष किसी की मौत हुई हो।
ग्रामीण हिम्मतसिह सौधिया , शिवनाराण सौधिया , नारायणसिह॔ सौधिया प्रेमसिह सौधिया ,आदि ने बताया की इन प्रथाओ को पूर्ण करने से पहले गांव मे कोई भी होली नहीं खेल सकता। सारी प्रथा पूरी होने के बाद सभी ग्रामीण जिसमें महिला पुरूष व बच्चे सभी शामिल थे ने जमकर होली खेली।
वहीं शुक्रवार को दुल्हेंडी के दिन भोपाल में भी जमकर होली खेली गई। इस दौरान शहर की रहवासी कॉलोनियों से लेकर चौक चौराहों और सड़कों पर रंग बिरंगे रंगों से सराबोर हुरियारे नजर आ रहे थे।
उत्साह, उमंग और खुशियों के साथ लोग एक दूसरे को रंग लगा रहे थे। घरों की छतों और कॉलोनियों में साउंड सिस्टम पर होली के गीत बजने के साथ ही लोग होली की मस्ती में मग्न होकर थिरकते रहे। शहर में जगह-जगह यह नजारा दिखाई दिया।
टैंकर से बरसा रंग…
हिन्दू उत्सव समिति की ओर से सुबह दयानंद चौक से रंगारंग चल समारोह निकाला गया। चल समारोह मार्ग में 11 चौराहों पर रंगों की मटकियां भी बांधी गई है, जिसे चल समारोह में शामिल हुरियारे आंखों पर पट्टी बांधकर फोड़ रहे हैं।
11 चौराहों पर 2100 रुपए का नगद पुरस्कार जहां जुलूस समाप्त होगा, वहां 21 हजार रुपए का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। चल समारोह में राधा
कृष्ण की झांकी, दुलदुल घोड़ी, बैंड, तासे, स्वांग मंडलिया, मूर्खाधिराज आदि शामिल होंगे, साथ ही पानी और रंगों के टैंकर रहेंगे, जिससे चल समारोह पर जगह-जगह रंग बरसाया जाएगा।
दयानंद चौक से चल समारोह घोड़ा नक्कास, मंगलवारा, जैन
मंदिर , इतवारा, चिंतामन चौक, पीपल चौराहा, लखेरापुरा, भवानी मंदिर, सिंधी मार्केट होते हुए जनकपुरी जुमेराती पहुंचेगा। यहां जुलूस का समापन होगा।
जुलूस में शामिल हुए स्वांगधारीनवयुवक हिन्दू उत्सव समिति की ओर से होली पर आकर्षक चल समारोह नेहरू नगर के शबरी नगर से निकाला गया।
इस चल समारोह में वानर सेना,
शिव बारात, कृष्णलीला की झांकी, आदिवासी नृत्य करते हुए हुरियारे, बैंड और अलग-अलग गेटअप में स्वांगधारी नजर आए। चल समारोह में रास्ते में जगह-जगह से लोग अलग-अलग वेषभूषा और मुखौटे पहनकर शामिल होते नजर आए।