राजगढ़

ambulance news ; एंबुलेंस के लिए तडप रहे थे घायल मरीज , चंद दूरी पर खड़े जननी वाहन के चालक सुनते रहे गाना

-इमरजेंसी में मरीजों को ले जाने के लिए होती हैं संजीवनी-108 और जननी एक्सप्रेस, गंभीर घायलों को भी निजी वाहनों से भेजा

राजगढ़Jul 22, 2019 / 07:06 pm

Rajesh Kumar Vishwakarma

ब्यावरा.राजगढ़ रोड पर दंड जोड़ के पास इस तरह एकत्रित होकर गाने सुन रहे थे जननी चालक, जबकि उक्त वारदात की जानकारी इन्हें थी

ब्यावरा। मप्र शासन द्वारा इमरजेंसी मामलों को निपटाने के लिए 108 संजीवनी 108 ambulance के साथ ही जननी एक्सप्रेस Janani Express को भी मर्ज कर देने के बावजूद मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। जननी वाहन के चालकों drivers news की बड़ी लापरवाही big negligence रविवार को उस वक्ता सामने आई जब ब्यावरा अस्पताल में करीब डेढ़ दर्जन घायल तड़प रहे थे और उन्हें भोपाल ले जाना था।


अस्पताल में भी अन्य वैकल्पिक व्यवस्था नहीं

दरअसल, अस्पताल में करीब डेढ़ घंटे तक घायल तड़पते रहे लेकिन पता होने के बावजूद राजगढ़ रोड पर चंद दूर ही एक साथ तीन जननी वाहन के चालक तेज आवाज में गाने सुन रहे थे। अस्पताल में भी अन्य वैकल्पिक व्यवस्था नहीं, ऐसे में घायलों के परिजनों को अपने खर्च पर निजी वाहन के माध्यम से उन्हें ले जाना पड़ा। जबकि शासन का प्रोटोकॉल यह है कि इमरजेंसी केस निपटाने के लिए सभी तत्पर रहे हैं लेकिन जननी एक्सप्रेस के चालकों के इस अमानवीय कृत्य ने लोगों का भरोसा फिर से प्रशासनिक तंत्र से तोड़ा है।

प्रसूताओं के अलावा किसी को नहीं लाएंगे-ले जाएंगे
उल्लेखनीय है कि जननी एक्सप्रेस वाहन वालों ने यह भ्रम भी फैला रखा है कि सिर्फ प्रसूताओं के अलावा किसी को नहीं लाएंगे-ले जाएंगे, लेकिन बीते दिनों ही मप्र शासन ने जननी एक्सप्रेस का पूरा संचालन भी 108 को ही सौंप दिया है। यानि यदि आपको जननी बुलाना हो या एम्बुलेंस 108 पर ही कॉल करना होगा।

 

राहगीरों ने सूचित किया फिर भी नहीं चेते
चालकों की लापरवाही का आलम यह रहा कि ब्यावरा से राजगढ़ की ओर जा रहे कुछ राहगिरों ने उन्हें सूचित किया कि आप लोग यहां बैठे हो वहां घायलों को आपके वाहन की जरूरत है लेकिन बजाए वे अस्पताल जाने के उल्टा राजगढ़ की ओर रवाना हो गए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी ढर्रे में किस हद की व्यवस्थाएं हैं और लोग इसे लेकर कितने गंभीर हैं।

 

यह गंभीर लापरवाही, कार्रवाई करेंगे
108 में ही जननी एक्सप्रेस का विलय हो चुका है, उन्हें हर कॉल रिसिव करना ही होगा। इस तरह से घायलों को छोड़ देना और जानबूझकर नजर अंदाज करना बेहद गंभीर लापरवाही है। मैं संबंधितों से बात करता हूं, वैसे राजगढ़ ग्वालियर डिविजन में आता है लेकिन मैं यहीं से शिकायत फॉरवर्ड करूंगा, जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।
-फैजान खान, ऑपरेशन मैनेजर, 108-संजीवनी, भोपाल डिविजन


मैं जननी वाले से पूछता हूं
अस्पताल में जो एम्बुलेंस थी उससे कुछ मरीज ले जाए गए थे लेकिन जननी एक्सप्रेस वालों ने ऐसा क्यूं किया इसकी जानकारी लेता हूं। संबंधित से जवाब-तलब किया जाएगा। लापरवाही सामने आई तो कड़ी कार्रवाई करेंगे।
-डॉ. एस. एस. गुप्ता, सीएमएचओ, राजगढ़

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