दरअसल, कोरोना का खतरा फिर से सताने को दहलीज पर तैयार खड़ा है। वहीं, दूसरी बड़ी चिंता ये है कि हर दिन कोरोना अनुकूल प्रोटोकॉल टूट रहे हैं। न कोई मास्क पहन रहा है न ही कोई सामाजिक दूरी का पालन कर रहा है, इसी कारण चिंता दो गुना हो गई है। वहीं, टीकाकरण में भी हम काफी पिछड़ी हुई स्थिति में है, जिस पर काम नहीं हो पा रहा है। इसी कारण यह डर बरकरार है और चिंता ज्यादा बढ़ गई है। खास बात यह है कि जैसे-तैसे कोरोना से बाहर निकलकर आम जन-जीवन ठीक हो पाया था लेकिन वर्तमान हालात फिर से इसे बिगाडऩे पर तुले हैं। इसके लिए जरूरी एहतियात और सावधानी बरतने की फिर जरूरत है। जिले में हाल ही में तीन कोरोना पॉजिटिव केस इसी माह की 14 तारीख को सामने आए थे। हालांकि वे सभी केसेस ए-सिम्प्लटमैटिक थे लेकिन उनमें कहीं न कहीं वायरस जिंदा रहा।
8747 – कुल पॉजिटिव
03 – एक्टिव केस
8561 – ठीक हो चुके
290- से अधिक की मौत
03 -केस 14 दिन पहले आए
1067 -प्रतिदिन सैम्पल
147 – कुल बेड उपलब्ध शादियों में पूरी छूट…. सुपर स्प्रेडर साबित हो रहीं
कोरोना का संक्रमण बढ़ाने, फैलाने का सबसे बड़ा स्त्रोत इन दिनों शादी-ब्याह ही हैं। इनमें उमडऩे वाली भीड़ सुपर स्प्रेडर का काम कर रही है। इधर, शासन ने सभी पाबंदियां खत्म कर दी। पाबंदियां क्या खत्म की लोगों ने मान लिया कोरोना भी खत्म हो गया, और भी ज्यादा बेफिक्र होकर लोग घूमने लगे, नियम तोडऩे लगे। इसी कारण कोरोना को लेकर डर बना हुआ है।
हाल ही में ऑनलाइन से मैनुअल और पूरी क्षमता के साथ खुले स्कूलों के सामने फिर चुनौती आ गई। स्कूलों में भी ज्यादातर बच्चे होने के कारण यहां भी संक्रमण का पूरा खतरा है। इसी कारण राज्य शासन ने त्वरित निर्णय लिए कि ऑनलाइन क्लासेस जारी रखी जाएं, साथ ही स्कूलों में 100 की बजाए 50त्न क्षमता के साथ ही बच्चे पहुंचे। हालांकि स्प्रेड अपनी जगह है लेकिन स्कूलों के बंद होने से बच्चों का भविष्य भी लगातार अधर में है। वहीं, स्कूल संचालकों के सामने भी चुनौती यह है कि आखिर दो साल बाद शुरू हुए स्कूलों को वे दोबारा कैसे मैनेज करेंगे?
किसी भी प्रकार से यह सोचने की जरूरत नहीं है कि हम कोरोना मुक्त हो गए हैं। इससे डरें, जरूरी एहतियात बरतें और शरीर को स्वस्थ्य रखने वैक्सीनेशन पूरा जरूर करें।
-डॉ. सुधीर कलावत, एमडी मेडीसिन, जिला अस्पताल
वैसे हर दिन रेंडमली सैम्पलिंग की जा रही है। आगे और भी बढ़ाएंगे, जहां से भी जानकारी मिल रही है हम वहां केसेस ट्रेसभी करवा रहे हैं। और भी प्रयास बढ़ाएंगे।
-डॉ. महेंद्रपाल सिंह, जिला महामारी नियंत्रक, राजगढ़