छोटे नोट चलाने में दिक्क्त
उन्हीं छोटे नोट को मंडी में उपज बेचने आने वाले किसान नहीं ले रहे। ऐसे में मंडी में किसानों और व्यापारियों के बीच विवाद की स्थिति भी बन रही है। व्यापारियों के सामने दिक्कत है कि इतने छोटे नोट मैनेज कैसे करें? वहीं, किसानों के सामने यह परेशानी है कि नोट लेकर जाए कैसे? मार्केट में भी जिन्हें बड़ा अमाउंट देना है वो कैसे दे? इसीलिए रबी की भरपूर सीजन में आ रही बड़े नोट की दिक्कत व्यापारियों के साथ ही किसानों को परेशान कर रही है।
इंदौर-भोपाल आरबीआई में भी नहीं
कैश को लेकर अग्रणी बैंकों में शामिल बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का तर्क है कि आरबीआई के पास ही बड़े नोट नहीं है। जब भी हम वरिष्ठ अफसरों को अवगत करवाते हैं तो वहां से जवाब आता है कि नोट नहीं है। आरबीआई के रीजन कार्यालय भोपाल, इंदौर में भी कैश की किल्त आ रही है। हाल ही में जिले के लिए करीब 60 करोड़ रुपए की मांग की गई थी, लेकिन उसमें भी बड़े नोट नहीं दिए गए। राष्ट्रीय स्तर पर दो हजार, पांच सौ के नोट की परेशानी बनी हुई है।
व्यापारी बोले- कैसे संभालें छोटे नोट
— बैंक से हमें छोटे नोट दे देते हैं आखिर हम उन्हें रखें ही कैसे? किसानों को भी इससे दिक्कत है। वे गांव ले जाएं कैसे और मार्केट में चलाए कैसे। भरे सीजन में दिक्कत आ रही है।
रमेशचंद्र जैन, गल्ला व्यापारी, ब्यावरा
— किसानों को छोटे नोट देने में दिक्कत आ रही है। इतने छोटे नोट आखिर हम भी कैसे संभालें? बैंकर्स सभी जगह 10-10 के नोट ही मुहैया करवाए जा रहे हैं।
पवन अग्रवाल, थोक गल्ला व्यापारी, ब्यावरा
अपर लेवल से ही परेशानी है
— अपर लेवल से ही परेशानी आ रही है। आरबीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि यहां खुद बड़े नोट नहीं है छोटे नोट से ही काम चलाना पड़ेगा। वैसे हमने आरबीआई से दोबारा मांग की है, संभवत: इस बार बड़े नोट मिलें।
पीएस संभरकर, एसएलसी इंचार्ज, बैंक ऑफ इंडिया, राजगढ़
— हाल ही में हमारे यहां कैश का स्लॉट आया था लेकिन कहीं भी बड़े नोट नहीं ओ। आरबीआई और हमारे रीजनल ऑफिसेस में भी बड़े नोट नहीं है। उनका तर्क है कि जैसे हैं वैसे ही लेना होगा, इसीलिए हम मजबूरन छोटे नोट देते हैं।
एस. के. विश्वास, जिला समंयवक, एसबीआई, राजगढ़