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करोड़ों के बैराज से रिस रहा पानी, ग्रामीणों ने की शिकायत

locationराजगढ़Published: Aug 30, 2018 02:21:31 pm

Submitted by:

Ram kailash napit

जल संसाधन विभाग ने पीपलखेड़ी और गणेशपुरा में कराया था निर्माण, ग्रामीणों ने की शिकायत

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Water flushed from Pipalkhi Barrage and went on the other side.

राजगढ़. क्षेत्र की सिंचाई को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खिलचीपुर में दो बड़े बैराज बनाए गए, लेकिन वर्तमान में इन बैराजों की हालत दयनीय नजर आ रही है। इसे ठेकेदार और विभाग के अधिकारियों की लापरवाही कहे या सांठगांठ, लेकिन इन बैराजों में करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी विभाग का उद्देश्य पूरा होते नजर नहीं आ रहा। जिसमें बारिश के अलावा इन बैराजों में पानी रूकने की संभावना नजर नहीं आती। ग्रामीणों ने निर्माण के दौरान ही अपनी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। नतीजन अब जो पानी इनमें भरा है। वह तेजी से रिसाव होने के कारण नीचे बने खेतों में भर रहा है।

बड़े डैमों की स्वीकृति के बाद यह भ्रष्टाचार क्यों
जिले में मोहनपुरा व कुंडालिया जैसे दो बड़े डैम बनाए गए। जिससे राजगढ़, खिलचीपुर, जीरापुर के कई गांव लाभांवित होंगे। इनकी नहरे खिलचीपुर और राजगढ़ के अधिकांश गांवों में पहुंचेगी। फिर इस तरह छोटे बैराज बनाकर शासन की राशि को इस तरह लापरवाही में खत्म करना कहा तक सही है।

पीपलखेड़ी बैराज: पानी का हो रहा रिसाव
खिलचीपुर के ढाबली के पास स्थित पीपलखेड़ी गांव में जल संसाधन विभाग द्वारा डेढ़ करोड़ की लागत से बैराज का निर्माण कराया गया, लेकिन एक के बाद एक पेटी पर दिए गए इस कार्य की गुणवत्ता ठीक नहीं है। जिसके कारण बैराज में भरा पानी तेजी से रिसते हुए दूसरी तरफ निकल रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि जिस जगह से पानी का रिसाव हो रहा है। उसकी जानकारी निर्माण के समय ही विभाग को दी गई थी, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिसका नुकसान अब हम भुगतेंगे। एक तो सिंचित जमीनें खराब हो रही है। इसके अलावा जिस उद्देश्य से यह बैराज बनाए गए थे। यह सिंचाई भी हम नहीं कर पाएंगे।
गणेशपुरा बैराज: खेतों में घुसा पानी
गणेशपुरा बैराज को दो करोड़ की लागत से बनाया गया, लेकिन बारिश के बाद इसमें पहली बार पानी भरा और कुछ ही दिनों में पूरा पानी खाली होने लगा। जिसके कारण यह पानी तालाब से निकलकर सीधा बैराज की दूसरी तरफ बने खेतों में घुसने लगा। ग्रामीणों ने बताया कि पानी घुसने से उनकी फसलें खराब हो रही है। इसकी शिकायत एसडीएम से लेकर जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को की गई। ग्रामीण कमल, पर्वतसिंह, शंकरलाल ने बताया कि एक साल पहले ही यह बैराज बनाया गया था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि खुद अधिकारियों ने ठेकेदार बनकर इस निर्माण को पेटी पर लेकर पूरा किया।
शिकायत ग्रामीणों से नहीं मिली, लेकिन यदि ऐसा है तो हम बैराज को दिखवा लेते है। कहा चूक हुई है। बैराज बनाने का उद्देश्य सिंचाई को बढ़ावा देना है।
पीसी सांकला, ईई जल संसाधन विभाग राजगढ़
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