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सबसे अच्छा स्कूल, यहां फ्री में होती है पढ़ाई

locationराजगढ़Published: Jan 15, 2022 10:31:17 am

Submitted by:

Subodh Tripathi

सबसे अच्छी बात तो यह है कि यहां निजी स्कूलों की तरह मोटी मोटी फीस भी नहीं लगती है, यहां बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा मिलती है.

सबसे अच्छा स्कूल, यहां फ्री में होती है पढ़ाई

सबसे अच्छा स्कूल, यहां फ्री में होती है पढ़ाई

राजगढ़. मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में एक ऐसा भी स्कूल है, जो प्रायवेट स्कूलों को भी मात देता है, सबसे अच्छी बात तो यह है कि यहां निजी स्कूलों की तरह मोटी मोटी फीस भी नहीं लगती है, यहां बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा मिलती है, ऐसे में निजी स्कूलों से बेहतर सुविधाओं के साथ बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलना किसी बड़ी सौगात से कम नहीं है।


एक तरफ कई सरकारी स्कूल खंडहर जैसे हो गए हैं। शिक्षक भी समय पर स्कूल नहीं पहुंचते, तो कई शिक्षक स्कूल पहुंचकर भी बच्चों को पढ़ाने में रुचि नहीं दिखाते। वहीं कुछ ऐसे शिक्षक भी हैं, जिन्होंने सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों की तर्ज पर आकर्षक बना दिया। जिससे बच्चों के बौद्धिक विकास का स्तर लगातार बढ़ रहा है।

बेहतर पढ़ाई से बच्चों की संख्या हुई पांच गुना अधिक
जी हां, राजगढ़ नगर की सीमा में आने वाले विस्थापित लोगों के लिए तैयार किया गया यह स्कूल अब निजी स्कूलों की तरह नजर आने लगा है। चाहे स्कूल के भवन की बात हो या फि र स्कूल के अंदर बने कक्ष की। क्योंकि, यहां के शिक्षक गोपाल भलवाला, भानु गौड़ एवं उनकी टीम ने स्कूल परिसर से लेकर भवन को आकर्षक बनाया है। इतना ही नहीं पहले जिस स्कूल में पढऩे वाले बच्चों की संख्या सिर्फ 23 थी। उसी स्कूल में अब 120 बच्चे पढऩे के लिए आ रहे हैं। पढ़ाई भी अच्छी होने से बच्चों की शिक्षा में सुधार हुआ है।

 

सबसे अच्छा स्कूल, यहां फ्री में होती है पढ़ाई

बजट सभी स्कूलों को एक जैसा, दुरुपयोग ज्यादा
बता दें कि जो बजट इस स्कूल को मिला है, उसी तरह का बजट अन्य स्कूलों के लिए भी आवंटित होता है, लेकिन कुछ जगह इसका दुरुपयोग ज्यादा होता है। जिस कारण उन स्कूलों की पुताई तक नहीं हो पाती। हाल ही में कलेक्टर ने जिले के सभी स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए उनकी रंगाई पुताई करने के निर्देश दिए। इसके बाद कुछ स्कूलों में अब पुताई हो रही है, लेकिन जिस तरह की तैयारी विस्थापित माध्यमिक विद्यालय स्कूल के शिक्षकों ने की है, उससे बच्चों के शैक्षणिक से लेकर बौद्धिक स्तर में सुधार होगा।

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जिस समय यह स्कूल मिला था, यहां किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं थी। हमने भवन को सुधारने की कवायद की। इसका नतीजा है कि अब बच्चों की संख्या बढ़ गई। स्कूल में पेड़-पौधे हरियाली व बच्चों के खेलने के लिए झूले और अंदर भी कक्षों को अच्छे से पुताई की है। इसमें पढ़ाई के साथ ही कई तरह के चार्ट भी लगाए हैं, जिससे बच्चों का ज्ञान बढ़ रहा है।
-गोपाल भलबाला, प्रधानाध्यापक, माध्यमिक विस्थापन स्कूल

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