जमीन के मालिक कलेक्टर जो मंदिर या धार्मिक स्थल माफी की भूमि में दर्ज है। उनके मालिक के रूप में कलेक्टर का नाम दर्ज होता है। ऐसे में कालाजी बल्ड़ी पर बने मकानों के संबंध में कलेक्टर तक कोई जानकारी ही नहीं पहुंची और स्टाम्प पर लिखा-पढ़ी करके चल रहे इस काले खेल का खुलासा भी एक खरीदार द्वारा ही किया गया। जिसने पुजारी को एक लाख रुपए दे दिए थे और जमीन नहीं मिलने पर कलेक्टर से शिकायत दर्ज कराई।
यहां दबा ली दरगाह की जमीन खिलचीपुर की तरह ही राजगढ़ के करेड़ी में भी दरगाह के नाम पर दर्ज जमीन को वहां तैनात खिदमदगार द्वारा इसी तरह सांठगांठ करके बेचा जा रहा है। खिलचीपुर की तरह इस जमीन की भी शिकायत हुई। लेकिन यहां अभी तक कार्रवाई शुरू नहीं हुई। ग्रामीणों का कहना है कि इसकी शिकायत प्रशासन से की गई है। लेकिन प्रशासन ने अभीतक दरगाह की जमीन पर कोई कार्यवाई नहीं की है।
मामला जानकारी में आने के बाद मैं स्वयं भी मौके पर पहुंचा था। 18 लोगों का कब्जा मंदिर की जमीन पर पाया गया। सभी को कब्जा हटाने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे है।
– प्रवीण प्रजापति, एसडीएम खिलचीपुर
– प्रवीण प्रजापति, एसडीएम खिलचीपुर