खुद को एडीशनल एसपी मनोज कुमार (डीजीपी का पीए) बताकर आरोपी युवक ने पहले जीआरपी के इंदौर कंट्रोल रूम पर फोन किया और उन्हें कहा कि ब्यावरा, अशोकनगर के जीआरपी प्रभारियों से कहें मुझसे जरूरी बात करें। कंट्रोल रूम से दोनों ही थाना प्रभारियों को उसका नंबर दे दिया गया। इस पर दोनों ने बात की तो आरोपी ने इस तरह से बात की कि पुुलिस वाले भाप ही नहीं पाए। अशोक नगर प्रभारी उमेशचंद्र मिश्रा ने दो से तीन बार बात की लेकिन रुपए नहीं डाले। वहीं, ब्यावरा थाना प्रभारी से उसने कहा कि आपका लोकेशन कहां है? डीजीपी भोपाल की सोने की दुकान से दो किलो छह सौ ग्राम सोना चोरी हुआ है। एक आरोपी झांसी का दूसरा ब्यावरा का है, हम उसे पकडऩे आ रहे हैं। लोकेशन हमें मिल गया है। झांसी के आरोपी को हमने पकड़ लिया, उसके पास से एक किलो ४०० ग्राम सोना जब्त कर लिया, बाकी ब्यावरा वाले से लेना है। उसने कहा कि मैं खुद सोने का व्यापारी बन गया हूं और आरोपी से खरीदने की बात हुई, तुम सिविल ड्रेस में आओ। मैंने उससे बात की है कि पहले 30 हजार रुपए डालूंगा। मोबाइल का सर्वर डाउन इसलिए डल नहीं पा रहे, तुम डाल दो। इस पर थाना प्रभारी परमार ने अपने दो आरक्षकों से फोन पे से राशि डलवा दी। फिर बाद में परमार ने उक्त मोबाइल नंंबर (7870840292) पर बात की, सात बार बात करने के बाद वह बोला कि झांसी वाले आरोपी को मैं रास्ते से ही उठाऊंगा, ब्यावरा नहीं आ रहा। इसके बाद परमार ने फोन किया तो नंबर बंद हो गया। इसके बाद पता चला कि वह धोखाधड़ी कर रहा था।
थाना प्रभारी ने वरिष्ठ अधिकारियों को मामले से अवगत कराया तो वारदात के बाद टीम बिहार (bihar) के लिए टॉवर लोकेशन के आधार पर रवाना हुई। जहां से आरोपी को अपने गांव से पकड़ा लेकिन पुलिस (police) के पहुंचने से पहले उसे भनक लग गई थी। वह आस-पास के गांवों में भाग गया था, जिसे काफी पीछा करने के बाद पुलिस ने आखिरकार ढूंढ़ निकाला। सात से आठ दिन पुलिस रिमांड पर रखने के बाद उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस ने घटना के बाद करीब 1300 किमी जाकर आरोपी को ढूंढ़ लिया और राशि भी जब्त कर ली है।
आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है
फर्जी कॉल के माध्यम से आरोपी ने राशि ऐठ ली थी। हमने घटना दिनांक के बाद बिहार जाकर उसे पकड़ लिया। अब वह सलाखों के पीछे है, राशि भी बरामद कर ली गई है।
-जे. एस. परमार, थाना प्रभारी, जीआरपी, ब्यावरा