दरअसल, शासन द्वारा ब्लैक लिस्टेड कर दी गई ब्यावरा सोसायटी को इस बार खरीदी का काम नहीं दिया गया है। यहां के ऑपरेटर्स और स्टॉफ को वैकल्पिक तौर पर बेलास सोसायटी में काम करने के निर्देश हैं और यहीं किसानों के आवेदन भी जमा होना है लेकिन उसी सोसायटी में पहुंचे करीब डेढ़ सौ से अधिक किसानों को स्टॉफ ने मना कर दिया और भगा दिया। इस पर किसानों ने सोसाटी में हंगामा कर दिया और स्टॉफ को जमकर कोसा। आरोप लगाए कि हमारे साथ बदतमीजी की गई। लसूल्डिय़ा महाराजा, सिलपटी, खरेटिया, खजूरिया, केसरियाबे, बरखेड़ा सहित अन्य गांवों के रतीराम रुहैला, भारतसिंह, रोड़सिंह सहित डेढ़ सौ से किसान पहुंचे थे जिनके पंजीयन नहीं हो पाए हैं।
इधर, वीसी में सख्त निर्देश : एक भी किसान न छूटे
किसानों को भले ही दिक्कत आ रही हो लेकिन वरिष्ठ अफसरों के सख्त निर्देश हैं कि एक भी किसान न छूटे। बुधवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कलेक्टर और डीएसओ को खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव ने निर्देशित किया है कि हर हाल में पंजीयन हो। बता दें कि इस बार गेहूं के साथही चना, मसूर और सरसों की खरीदी भी शासन स्तर पर होना है।साथही मंडी में उपज बेचने पर भी पंजीयकृत किसानों को वही लाभमिलेगा। वहीं, गेहूं पर समर्थन मूल्य के अलावा प्रोत्साहन राशि के तौर पर 160 रुपए प्रति क्विंटल मिलना है।
एसडीएम के निर्देश पर जमा हुए आवेदन
परेशान किसान एसडीएम प्रदीप सोनी के दफ्तर पहुंचे, जहां उन्होंने परेशानी बताई। उनके हस्तक्षेप के बाद जैसे-तैसे आवेदन लिए गए और ऑफलाइन एडजस्ट करने की बात कही गई। वहीं जिले के प्रशासनिक अफसरों का कहना है कि यदि कुछ किसान छूट भी गए हैं तो उनके आवेदन ऑफ लाइन ले लिए जाएंगे, जिनकी एक्सल शीट बनाकर शासन को भेज दी जाएगी। विशेष अनुमति लेकर ऐसे किसानों को पंजीयन के लाभ मिलेंगे।
किसानों को भले ही दिक्कत आ रही हो लेकिन वरिष्ठ अफसरों के सख्त निर्देश हैं कि एक भी किसान न छूटे। बुधवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कलेक्टर और डीएसओ को खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव ने निर्देशित किया है कि हर हाल में पंजीयन हो। बता दें कि इस बार गेहूं के साथही चना, मसूर और सरसों की खरीदी भी शासन स्तर पर होना है।साथही मंडी में उपज बेचने पर भी पंजीयकृत किसानों को वही लाभमिलेगा। वहीं, गेहूं पर समर्थन मूल्य के अलावा प्रोत्साहन राशि के तौर पर 160 रुपए प्रति क्विंटल मिलना है।
एसडीएम के निर्देश पर जमा हुए आवेदन
परेशान किसान एसडीएम प्रदीप सोनी के दफ्तर पहुंचे, जहां उन्होंने परेशानी बताई। उनके हस्तक्षेप के बाद जैसे-तैसे आवेदन लिए गए और ऑफलाइन एडजस्ट करने की बात कही गई। वहीं जिले के प्रशासनिक अफसरों का कहना है कि यदि कुछ किसान छूट भी गए हैं तो उनके आवेदन ऑफ लाइन ले लिए जाएंगे, जिनकी एक्सल शीट बनाकर शासन को भेज दी जाएगी। विशेष अनुमति लेकर ऐसे किसानों को पंजीयन के लाभ मिलेंगे।
ऑपरेटर कम, सर्वर भी डाउन, इसलिए दिक्कत
ब्यावरा सोसायटी ब्लेक लिस्टेड हो जाने के कारण दिक्कत आई है, पूरा काम बेलास सोसायटी को करना पड़ रहा है। प्रतिदिन दो सौ से अधिक नये आवेदन आएऔर ऑपरेटर कम होने के कारण पेंडेंसी बढ़ गई। एक ऑपरेटर एक दिन में 50 से 6 0 ही पंजीयन कर पाया, इसीलिए दिक्कतें बढ़ रही है। साथ ही जिन सोसायटियों में आवेदन ले लिए गए उनके आगे की रूपरेखा भी तय नहीं हुई, शासन स्तर पर उन्हें कोई नये निर्देश भी नहीं मिले इसलिए दिक्कत आई।
ऑफ लाइन समाधान करवाएंगे
पंजीयन की आखिरी तारीख 14 मार्च ही है, ब्यावरा सोसायटी ब्लैक लिस्टेड है। बेलास सोसायटी को काम दिया है। जितने आवेदन पेंडिंग हैं उनका समाधान करवाएंगे और ऑफ लाइन एक्सल शीट बनाकर शासन को भेजेंगे।
-एस. के. तिवारी, डीएसओ, राजगढ़
ब्यावरा सोसायटी ब्लेक लिस्टेड हो जाने के कारण दिक्कत आई है, पूरा काम बेलास सोसायटी को करना पड़ रहा है। प्रतिदिन दो सौ से अधिक नये आवेदन आएऔर ऑपरेटर कम होने के कारण पेंडेंसी बढ़ गई। एक ऑपरेटर एक दिन में 50 से 6 0 ही पंजीयन कर पाया, इसीलिए दिक्कतें बढ़ रही है। साथ ही जिन सोसायटियों में आवेदन ले लिए गए उनके आगे की रूपरेखा भी तय नहीं हुई, शासन स्तर पर उन्हें कोई नये निर्देश भी नहीं मिले इसलिए दिक्कत आई।
ऑफ लाइन समाधान करवाएंगे
पंजीयन की आखिरी तारीख 14 मार्च ही है, ब्यावरा सोसायटी ब्लैक लिस्टेड है। बेलास सोसायटी को काम दिया है। जितने आवेदन पेंडिंग हैं उनका समाधान करवाएंगे और ऑफ लाइन एक्सल शीट बनाकर शासन को भेजेंगे।
-एस. के. तिवारी, डीएसओ, राजगढ़