scriptबॉन्ड वाले डॉक्टर्स को भी करना होगा काम, अन्यथा रुक जाएगी डिग्री! | Bonded doctors will also have to work, otherwise the degree will stop | Patrika News

बॉन्ड वाले डॉक्टर्स को भी करना होगा काम, अन्यथा रुक जाएगी डिग्री!

locationराजगढ़Published: Oct 14, 2019 12:12:46 pm

-जिले को मिले 11 नये डॉक्टर्स, ज्वॉइन करना होगा-अभी तक ज्वॉइन कर लेने के बाद गायब हो जाते थे डॉक्टर्स, दो माह पहले भी आई थी सूची लेकिन ज्वॉइन नहीं किया, अब फिर से स्ट्रीक निर्देशों के साथ 11 डॉक्टर्स के ऑर्डर हुए

बॉन्ड वाले डॉक्टर्स को भी करना होगा काम, अन्यथा रुक जाएगी डिग्री!

बॉन्ड वाले डॉक्टर्स को भी करना होगा काम, अन्यथा रुक जाएगी डिग्री!

ब्यावरा. मेडिकल की स्नातकोत्तर (पीजी) की डिग्रियां कर लेने के बाद अस्पातलों में बॉन्ड में आने वाले डॉक्टर्स अब ज्वॉइनिंग कर गायब नहीं हो पाएंगे। राज्य शासन ने उक्त डॉक्टर्स के लिए बाध्यता तय की है कि जिस भी संबंधित अस्पताल में उनकी पदस्थापना की गई है वहां कम से कम एक साल उन्हें काम करना होगा, यदि वे ज्वॉइन करके गायब हो जाते हैं या आने में आना-कानी करते हैं तो उनकी डिग्री रोक दी जाएगी।


दरअसल, बीते सप्ताह स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सूची में 11 डॉक्टर्स जिले को मिले हैं। इनमें डीसीएच (डिप्लोमा इन चाइल्ड), एमडी मेडिसीन, माइक्रो, सर्जन, ऑपथेल्मोलॉजी, आथौपेडिक, डीजीओ, ईएनटी सहित अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर्स जिले को मिले हैं। इनमें से दो डॉक्टर ब्यावरा, एक सारंगपुर सिविल अस्पताल और बाकी जिला चिकित्सालय को मिले हैं।

 

स्वास्थ्य विभाग के प्रशासकीय अपर संचालक डॉ. कैलाश बुंदेला ने ये निर्देश सीएमएचओ को जारी किए हैं कि हर हाल में उक्त डॉक्टर्स ज्वॉइनिंग करेंगे, इनकी पूरी मॉनीटरिंग कर रिपोर्ट सौंपे। एक साल तक काम करना ही होगा। उल्लेखनीय है कि अभी तक जितने भी डॉक्टर्स इस तरह के बॉन्ड पर आते हैं उनमें से कोई भी स्थायी तौर पर ज्वॉइङ्क्षनग नहीं लेता। इसीलिए शासन के रिकॉर्ड में भले ही जिले को डॉक्टर्स मिल जाते हों लेकिन जनता की सेवा तक वे पहुंच ही नहीं पाते। आकर, ज्वॉइनिंग लेकर गायब हो जाते हैं। शासन की नई व्यवस्था से अब उम्मीद है कि कुछ डॉक्टर्स जिले में स्थायी तौर पर रुक पाएं।

बाबुओं, अधिकारियों से सेटिंग कर हो जाते हैं गायब
सूत्रों के अनुसार स्नॉकोतकोत्तर की डिग्रियां लेने के बाद बॉन्ड पर आने वाले ये डॉक्टर्स जिले से लेकर हायर लेवल तक सेटिंग जमा लेते हैं। कई बाबुओं और अधिकारियों से मिलीभगत कर कागजों में ही ज्वॉनिंग ले लेते हैं और अस्पताल का मुंह भी नहीं देखते। शासन स्तर पर आने वाले ये डॉक्टर्स अपनी मर्जी का ही स्थान तय करते हैं, जिस पर किसी का कोई जोर नहीं चल पाता। जनप्रतिनिधि कहने को कह देते हैं कि हम डॉक्टर्स लाए, शासन का रिकॉर्ड भी बोलता है कि डॉक्टर्स भेजे गए, लेकिन असल में उनकी सेवा का कितना लाभ जनता को मिल रहा है उसकी हकीकत कुछ और ही है? इस पर जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है।

राजगढ़, ब्यावरा और सारंगपुर को मिले हैं ये डॉक्टर्स
नये डॉक्टर पदस्थापना
01. डॉ. निधि गर्ग (डीसीएच) डीएच, राजगढ़
02. डॉ. वीरेंद्र सिंह (डीसीएच) डीएच, राजगढ़
03. डॉ. राशु कुमारी (एमडी, माइक्रो.) डीएच, राजगढ़
04. डॉ. अदिति शर्मा (एमस, सर्जरी) सीएच, ब्यावरा
05. डॉ. स्वाति शर्मा (एमएस, ऑप्थो.) डीएच, राजगढ़
06. डॉ. एल. रुहैला (एमएस ऑर्थो.) सीएच, सारंगपुर
07. डॉ. किरंगोवडा आर (एमडी मेडिसीन) डीएच, राजगढ़
08. डॉ. प्रणय भंडारी (एमएस, ईएनटी) डीएच, राजगढ़
09. डॉ. प्रिया इंदौरिया (डीजीओ) डीएच, राजगढ़
10. डॉ. श्रुति बाजपेयी (डीजीओ) सीएच, ब्यावरा
11. डॉ. ए. नरवरिया (एमडी रेडियोथैरेपी) डीएच, राजगढ़
(नोट : संचनालय स्वासथ्य सेवाएं सतपुड़ा भवन से 05 अक्टूबर को जारी)

जेडी बोले- हर हाल में ब्यावरा जाएंगे डॉ. कुकरेले
करीब महीनेभर पहले से जेडी के निर्देशों के बावजूद राजगढ़ जिला चिकित्सालय से टाले जा रहे एनस्थैटिक डॉ. नरेश कुकरेले को रिविल करने के मामले में जेडी ने दोबारा सख्त निर्देश जारी कर सीएमएचओ से कहा कि शनिवार को ही उन्हें रिलिव करें और ब्यावरा भेजें। दरअसल, ब्यावरा अस्पताल से डॉ. मनीष पालीवाल के पुन: अपने कार्यस्थल चले जाने से डॉक्टर्स की क्राइसेस हो रही है।

 

साथ ही सीजर करने में भी डॉक्टर्स को परेशानी हो रही है। एनस्थैटिक के अभाव में मरीजों को रेफर करना पड़ता है। इसी को लेकर बीते दिनों निरीक्षण पर आए संभागीय संयुक्त संचालक डॉ. ए. एल. मरावे ने डॉ. कुकरेले को ब्यावरा भेजे जाने के निर्देश दिए थे, लेकिन जिला चिकित्सालय के डॉक्टर्स और सिविल सर्जन ड्यूटी करवाने के फेर में उन्हें रिलिव नहीं कर रहे थे, लेकिन जेडी ने शुक्रवार को फिर से सीएमएचओ को बोलकर भेजने के निर्देश दिए हैं।

11 डॉक्टर के ऑर्डर हुए हैं
वैसे जिले को पहले भी डॉक्टर्स मिले हैं, अब ११ के फिर ऑर्डर हुए हैं। अब उन्हें ज्वॉइन करना ही होगा, बॉन्ड वाले डॉक्टर्स को भी कम से कम एक साल तो काम करना ही होगा, अन्यथा उन्हें डिग्री नहीं दी जाएगी। वहीं, डॉ. कुकरेले के संबंद में मेरी जेडी सर से बात हुई है, उन्होंने निर्देशित कर दया है। हम शनिवार को उन्हें रिलीव कर देंगे।
-डॉ. के. के. श्रीवास्तव, सीएमएचओ, राजगढ़

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