आंगनबाड़ी में न बच्चे मिले न कार्यकर्ता
बुधवार को डीपीओ चंद्रसेना भिडे ने खुजनेर परियोजना की दुबली, मवासा, और चोंडापुरा गांवों की चार आंगनबाडिय़ों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान आंगनबाडिय़ों में न बच्चे मिले न कार्यकर्ता। चोंड़ापुरा गांव की दो आंगनबाड़ी में कुल चार बच्चे मिले। वहीं एक कार्यकर्ता और सहायिका भी मौके से नदारद मिली। मवासा की आंगनबाड़ी में तो सिर्फ एक बच्चा मिला जबकि दुबली की आंगनबाड़ी में तो एक भी बच्चा मौजूद नहीं था।
अधिकांश केन्द्रों पर नाश्ता और भोजन का वितरण भी गड़बड़ पाया गया, वहीं एक भी कार्यकर्ता गणवेश में नहीं मिली। इन्हीं अव्यवस्थाओं को लेकर डीपीओं ने तीन गांवों में अनुपस्थित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के एक एक माह का मानदेय काटने के निर्देश जारी किया है। साथ ही खुजनेर परियोजना के सीडीपीओ और सुपरवाइजरों को नियमित रूप से क्षेत्र में भ्रमण करने की बात कही।
इसके अतरिक्त तीनों गांवों के आंगनबाडिय़ों से संबंधित स्व: सहायता समूह को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब लेने के निर्देश दिए।
जिले में २४५६ आंगनबाडिय़ोंं हंै जिनके संचलन की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की है, लेकिन उनके अपनी ड्यूटी से गायब रहने की शिकायत मिल रही है। ऐसे में विशेष निरीक्षण शुरू किया है साथ की सीडीपीओ और सुपर वाइजर को भी निरीक्षण के निर्देश दिए है। आंगनबाड़ी से गायब रहने वाली कार्यकर्ता और सहायिका के एक से दो महीने का वेतन काटेंगे। निरीक्षण नहीं करने पर सुपरवाइजर और सीडीओपी पर भी इसी तरह की कार्रवाई होगी।
चंद्रसेना भिडे, डीपीओ राजगढ़