इस काम में कहीं जगह तो शासन की ऐसी योजनाओं को भी पोत दिया गया है, जिसमें राजनैतिक पार्टि्रयों के चुनाव चिन्ह नही थे और न ही किसी नेता का नाम था।
लेकिन कलेक्ट्रेट में ही शिकायतों को सूनने के लिए कंट्रोल रूम के सामने बनेे आचल कक्ष में गुरूवार को दोपहर तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनेस के फोटो लगे लालिमा अभियान के पोस्टर चुपके हुए थे। जब इस संबंध में राजगढ़ आरओ विजेन्द्र रावत को सूचना दी गई तो उन्होंंने तुरंत पोस्टर हटवा दिए।
ऊपर लगा है शिलांयास का बोर्ड….
कई जगह ऐसी पट्टीका भी हटाई गई है, जिनमें किसी जनप्रतिनिधि के नाम दर्र्ज हो। लेकिन कलेक्ट्रेट की छत पर बने खनिज विभाग के कार्यालय के सामने ही प्रदेश सरकार के पूर्व खनिज मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा सहित तत्कालीन विधायक हेमराज कल्पोनी आदि के नाम इस पटीका पर दर्ज है।
हमारा प्रयास यही है कि कहीं भी इस तरह के पोस्टर न लगे। हो सकता है, किसी आसामाजिक तत्वों द्वारा चिपकाएं हुए लग रहे है। हम इसका पता लगाकर कार्रवाई करेंगे।
विजेन्द्र रावत, एसडीएम राजगढ़
आदर्श आचार संहिता के कुछ नियम…
आचार संहिता लागू होने के बाद प्रदेश में किसी नई योजना की घोषणा नहीं हो सकती। हालांकि कुछ मामलों में चुनाव आयोग से अनुमति लेने के बाद ऐसा हो सकता है।
वाहन, भवन, हेलिकॉप्टर आदि जैसी तमाम सरकारी चीजों का चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
उम्मीदवार और राजनीतिक दल को जुलूस निकालने या रैली और बैठक करने के लिए चुनाव आयोग से आर्डर लेना होगा।
चुनाव के दौरान प्रचार के लिए किसी भी दल को लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के नियमों का भी पालन करना जरूरी होता है।
कोई भी दल या उम्मीदार ऐसे भाषण या काम नहीं करेगा जिससे किसी विशेष समुदाय के बीच तनाव पैदा हो।
वोट पाने के लिए कोई भी दल या उम्मीदार किसी विशेष जाति या धर्म का सहारा नहीं लेगा और चुनाव के दौरान धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल नहीं होगा।
वोटरों को किसी भी तरह का लालच या रिश्वत नहीं दी जा सकती।
वोट पाने के लिए किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को लेकर निजी बयान नहीं दिए जा सकते, बेशक कामों की आलोचना की जा सकती है।
मतदान के दिन मतदान केंद्र से सौ मीटर के दायरे में चुनाव प्रचार पर रोक और मतदान से एक दिन पहले किसी भी बैठक पर रोक।
सत्ताधारी पार्टी के लिए नियम
चुनाव के दौरान कोई भी मंत्री किसी भी सरकारी दौरे को चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं करेगा।
सरकारी संसाधनों का किसी भी तरह चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
कोई भी सत्ताधारी नेता सरकारी वाहनों और भवनों का चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता।
चुनाव प्रचार के लिए सरकारी पैसों के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक। चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी सत्ताधारी नेता कोई नई योजना या कोई नया आदेश जारी नहीं कर सकता।