यात्रा की शुरुआत कन्याओं के पग पूजन से की गई। बाद में यह यात्रा मुख्य बाजार के रास्ते ब्यावरा नाके और बाद में बायपास से खिलचीपुर नाके और हाइवे के रास्ते जालपा मंदिर पहुंची। इस बीच कई समाज और संगठनों द्वारा यात्रा का स्वागत किया गया।
अनुमान के अनुसार इस यात्रा में लगभग बीस हजार लोग शामिल थे। कुछ चुनरी लेकर चल रहे थे तो कुछ चुनरी के आगे चल रहे थे। जबकि हजारों की संख्या में लोग रास्ते में यात्रा के स्वागत के लिए खड़े हुए थे।
यात्रा के दौरान सड़क पर रोका ट्रैफिक
राजमहल से शुरू हुई इस यात्रा को सात किमी दूर स्थित मंदिर तक पहुंचने में लगभग चार घंटे लगे। कोई अनहोनी न हो। इसके लिए बड़े वाहनों की आवाजाही रुक-रुककर की गई। वाहनों को कम से कम गति में जाने के लिए कहा गया।
राजमहल से शुरू हुई इस यात्रा को सात किमी दूर स्थित मंदिर तक पहुंचने में लगभग चार घंटे लगे। कोई अनहोनी न हो। इसके लिए बड़े वाहनों की आवाजाही रुक-रुककर की गई। वाहनों को कम से कम गति में जाने के लिए कहा गया।
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यह यात्रा मुख्य बाजार के रास्ते ब्यावरा नाके से होती हुई बायपास से खिलचीपुर नाके और हाइवे के रास्ते जालपा मंदिर पहुंची। इस बीच विभिन्न समाजिक संगठनों ने यात्रा का स्वागत किया। इस यात्रा में करीब बीस हजार लोग शामिल हुए।
यह यात्रा मुख्य बाजार के रास्ते ब्यावरा नाके से होती हुई बायपास से खिलचीपुर नाके और हाइवे के रास्ते जालपा मंदिर पहुंची। इस बीच विभिन्न समाजिक संगठनों ने यात्रा का स्वागत किया। इस यात्रा में करीब बीस हजार लोग शामिल हुए।
चुनरी लेकर मां जालपा धाम पहुंचे मेड़तवाल समाज के लोग
नवरात्रि महोत्सव के तहत ब्यावरा से मां जालपा धाम के लिए चुनरी यात्रा शनिवार को निकाली गई। मां जालपा को चुनर ओढ़ाने मेड़तवाल समाज के महिला, पुरुष और युवक-युवतियां पैदल रवाना हुए। मेड़तवाल समाज की धर्मशाला से दोपहर तीन बजे शुरू हुई यात्रा विभिन्न मार्गों से होती हुई राजगढ़ के लिए रवाना हुई।
नवरात्रि महोत्सव के तहत ब्यावरा से मां जालपा धाम के लिए चुनरी यात्रा शनिवार को निकाली गई। मां जालपा को चुनर ओढ़ाने मेड़तवाल समाज के महिला, पुरुष और युवक-युवतियां पैदल रवाना हुए। मेड़तवाल समाज की धर्मशाला से दोपहर तीन बजे शुरू हुई यात्रा विभिन्न मार्गों से होती हुई राजगढ़ के लिए रवाना हुई।
जगह-जगह विभिन्न मंचों से यात्रा का फुलों से स्वागत किया गया। मेड़तवाल नवयुवक संघ और मेड़तवाल महिला मंडल के तत्वावधान में निकाली गई यात्रा में महिलाएं पीले और पुरुष श्वेत वस्त्र धारण कर चल रहे थे। मां के जयकारे के साथ चुनरी लेकर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां जालपा शक्तिपीठ के लिए रवाना हुए।