बिना दस्तावेज और अनुमति के संचालित
बिना दस्तावेज और अनुमति के अवैध तौर पर संचालित ऐसे सील किए गए तमाम सेंटर्स, क्लीनिक संचालकों के खिलाफ एफआइआर दर्जकर ली गई है। हालांकि मामले को दबाने की कोशिश की गई, कई स्तर की राजनीति भी हुई। पत्रिका ने लगातार उक्त मुद्दे को उजागर किया, तब जाकर प्रशासन, पुलिस और विभाग हरकत में आया और खबर प्रकाशित होने के बाद ही एफआइआर हुई।
प्रकरण दर्ज किया गया
जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश आयुर्वेद अधिनियम की धारा-24 और रोगोपचार संबंधी स्थापना अधिनियम-1973 संशोधन अधिनियम-20018 की धारा-3 और 8 के तहत एफआइआर पंजीबद्ध की गई है। इसके तहत सिविल अस्पताल के सामने बिना किसी दस्तावेज अनुमति के संचालित ब्यावरा सिटी स्कैन सेंटर के संचालक राजीव माने और अजीत पिता यशवंत प्रसाद पटेल हाल निवासी कर्मचारी कॉलोनी ब्यावरा के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।
खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया
वहीं, सुठालिया रोड पर अवैध क्लीनिक संचालकों में ओपी साहू, बीके विश्वास, बीकमसिंह धाबी, फूलसिंह लोधा, आरिफ अंसारी, संतोष शिवहरे और एसएन यादव के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने स्पष्ट किया है कि सिटी स्कैन सेंटर वाले के पास न पंजीयन है ना ही कोई अनुमति न चलाने वाला।
इसके अलावा उक्त तमाम लोगों के पास भी क्लीनिक संचालन करने का कोई दस्तावेज नहीं मिला। यानि तमाम क्लीनिक अवैध तौर पर ही संचालित किए जा रहे थे। विभाग का मानना है कि उक्त तरीके से क्लीनिक संचालन सीधे तौर पर मरीजों की सेहत से खिलवाड़ है, जिस पर राज्य शासन के निर्देश पर कार्रवाई जारी रहेगी।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जो जानकारी हमें दी गई थी और जो प्रमाणीकरण उन्होंने दिया है, उस के आधार पर एफआइआर दर्ज की गई है। नियमानुसार ही आगे की कार्रवाई होगी।
-डी. पी. लोहिया, थाना प्रभारी