जब मुख्यमंत्री एक आदिवासी महिला के घर चाय पीने पहुचें तो महिला भगवती बाई सबरी तरह अपने हाथों से बेर खिला रही थी। इस आत्मीयता से भावविभोर मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ बेर मामी को भी दे दो,भोपाल ले जाऊंगा। मुख्यमंत्री का परिवारजनों ने स्वागत किया। घर की लाड़लियों ने मुख्यमंत्री का तिलक लगाकर स्वागत किया तो मुख्यमंत्री ने भी अपनी भांजियों को उपहार स्वरूप मिठाई और बैग दिए। मुख्यमंत्री ने परिवार के प्राय: सभी सदस्यों से बातचीत की। इस दौरान घर की मुखिया भगवती बाई ने मुख्यमंत्री को साफा भेंट किया। उन्होंने यह कहते हुए मुख्यमंत्री को अपनी बगिया के बेर खिलाये कि भैया ये सबरी के बेर है। भावविभोर मुख्यमंत्री ने कहा कि चिंता मत करना सरकार आप सबकी ही है। आवास के बाहर एकत्रित प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभांवित लगभग एक दर्जन परिवारों ने भी मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
सरपंचों के दिए वित्तीय अधिकार का किया विरोध
प्रदेश के मुख्यमंत्री कब पिपलिया कला गांव पहुंचे तो यहां पंचायत चुनाव में भाग आजमाना चाह रहे कई नामांकन जमा करने वाले लोग एकत्रित हुए और उन्होंने सामूहिक रूप से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया। जिसमें उन्होंने मांग की कि सरपंचों को जो समय निकलने के बाद भी वित्तीय अधिकार वापस ऊपर गए हैं, वह गलत हैं। उससे कई लोगों को नुकसान हो रहा है। चुनाव में कई लोगों ने नामांकन दाखिल किए थे। लेकिन अब वापस से उन्हें ही चार्ज मिल जाना और वित्तीय अधिकार दे देने के कारण कहीं न कहीं गांव में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है जो पंचायत के विकास के लिए सही नहीं है।
खिलचीपुर विधायक का तंज
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिपलिया कला में पहुंचे और वहां एक सभा को भी संबोधित किया। हालांकि उन्होंने अपने संबोधन के दौरान जनता को दूर-दूर रहने की सलाह दी और कोविड के नुकसान से भी अवगत कराया। वहीं पिछले दिनों एक बंदर की मौत के बाद ग्रामीणों द्वारा कराए गए, सामूहिक भोजन को लेकर आयोजकों के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया। जिसको लेकर खिलचीपुर विधायक और पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह ने तंज कसते हुए कहा की बांनर मृत्यु भोज पर मुकदमे दर्ज हो रहे हैं और मुख्यमंत्री जी बूथ स्तरीय बैठकों में हजारों कार्यकर्ताओं को एकत्रित कर रहे हैं। प्रशासन के आला अधिकारी लाइनअप सह भोज भी है। जिस जगह आयोजन हो रहा क्या वह कोविड मुक्त जोन है।
– एक लाख लोगों का हुआ सर्वे एक एक कर सबको मिलेंगे आवास।
– आवेदन लेने खुद पहंचे सीएम शिवराज।
– उदासीन आश्रम पहंचकर संतों का लिया आर्शीवाद और ीोजन भी किया।
– आशा कार्यकर्ता अपनी मांगों का ज्ञापन लेकर आई थी लेकिन उन्हें मिलने ही नहीं दिया।
– मंच पर कांग्रेस विधायक को छोडकर सभी का भाजपा की साफी डालकर स्वागत किया।
– कार्यक्रम के दौरान मंच पर एसपी को बुलाकर की चर्चा।
– बूथ लेबल की बैठक में शोसल डिस्टेसिंग से लोग बैठे थे, जबकि हितग्राही सम्मेलन में डिस्टेंसिंग नजर नहीं आई।