ऐसे में खेल एवं युवक कल्याण विभाग की ओर से जो कर्मचारी पुल पर मौजूद रहता है उसका ध्यान भी बच्चों के प्रशिक्षण या सुरक्षा से ज्यादा उनसे शुल्क लेने और उसकी इंट्री में रहता है। स्कूल की छुट्टियां लगने के साथ ही इस माह में स्वीमिंग पुल में आने वाले बच्चों की संख्या काफी बढ़ गई है। बच्चें यहां आकर पानी में खेलते है और स्वीमिंग भी सीखते हैं।
सुबह और शाम के समय बड़ी संख्या में छोटे बच्चें स्वीमिंग पुल तो पहुंच रहे है। लेकिन वहां जरूरी सुरक्षा उपकरण और प्रशिक्षक नहीं होने के कारण वे तैराकी सीखने के बजाए खुद या अपने साथ आए बड़ो के साथ कुछ देर जलक्रीडा करके लौट जाते है। इधर बच्चों के समय में उनके साथ आए बड़े लोग भी बच्चों के साथ ही स्वीमिंग पुल में नाहते है। जिससे अन्य बच्चें असहज भी होते है।
माता—पिता उठा रहे सवाल
पूल की ऐसी हालत देखते हुए कुछ माता—पिता ने सवाल उठाएं हैं। उनका कहना है कि हम यहां की फीस दे रहे है। उसके बाद भी बाद हमारे बच्चों को यहां की मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है। ऐसे में यह लोग हमारे पैसे लौटा दें तो बेहतर होगा।
स्वीमिंग पुल पर बच्चों को सीखने के लिए प्रशिक्षक लगा रखे है। लेकिन वहां की मेंटनेंस के लिए शुल्क वसूलना भी जरूरी है। यदि किसी बच्चें को तैरना नहीं सीखा रहे तो वह मुझे बताए। हम आगे कारवाई करेंगे।।
शर्मिला डावर खेल एवं युवक कल्याण अधिकारी