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मुआवजा दिलाओ, फिर करेंगे गांव खाली

locationराजगढ़Published: Jul 27, 2018 10:02:00 am

Submitted by:

Ram kailash napit

मोहनपुरा डेम का जलस्तर बढ़ा, समेली गांव पहुंची एसडीएम, राजस्व व पुलिस और जलसंसाधन विभाग की टीम,अधिकारियों से ग्रामीणों ने कहा

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ADM and other administrative staff discussing the evacuation of villagers from villagers.

राजगढ़/करनवास. मोहनपुरा सिंचाई परियोजना अंतर्गत बने डेम को इस बार पूरा भरने का लक्ष्य हैं। डेम का जलस्तर 190 मीटर पहुंच चुका है, जो आधे से ज्यादा हैं। अब जैसे-जैसे डेम में पानी बढ़ेगा, डूब क्षेत्र में आने वाले गांवों में पानी भरने लग जाएगा।
कोई परेशान न बढ़े, इसके लिए गुरुवार को राजस्व और जल संसाधन विभाग के अधिकारी गांवों में पहुंचे। यहां उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे अपने घर खाली करते हुए अन्य सुरक्षित जगहों पर जाए। जिस पर कुछ जगह ग्रामीणों ने साफ इनकार कर दिया।
उनका कहना था पहले मुआवजा दे, फिर गांव खाली करेंगे। इस दौरान एडीएम भव्या मित्तल गुरुवार सुबह 11 बजे राजस्व, पुलिस और जल संसाधन अमले के साथ डूब क्षेत्र में आने वाले समेली गांव में पहुंची और ग्रामीणों से गांव खाली करने के लिए कहा।


जहां ग्रामीण बोले मेडम! पहले हमारे मकानों और जमीनों का मुआवजा तो दिलवाइए, ताकि हम रहने के लिए छोटा-मोटा मकान बना सके। अभी अपने आशियानों को छोड़कर खुले आसमान के नीचे कहां चले जाए। ग्रामीणों ने प्रशासन पर मुआवजा वितरण में भेदभाव का आरोप लगाया।

उन्होंने मुआवजा वितरण में दलालों के संलिप्त होने का भी आरोप लगाते हुए कहा कि एक-दूसरे के समीप सटी दो भाइयों की जमीन में से एक को सिंचित और दूसरे को असिंचित हिसाब से मुआवजा दिया देना तय किया गया है।

वही लक्ष्मीनारायण पिता गंगाधर ने एडीएम को बताया कि उसके मकान का मुआवजा सिर्फ इसलिए आधा कर दिया गया। क्योंकि दलाल द्वारा मांगी गई रिश्वत को उन्होंने देने से मना कर दिया था। प्रशासनिक अमले के सामने ग्रामीणों ने हाइवे से गांव आने-जाने वाले मुख्य रास्ते के बंद होने की स्थिति को भी बयां किया।

जिस पर उन्होंने माधोपुरा मार्ग का अवलोकन किया, वही टांडी, अभयपुर पहुंचकर ग्रामीणों से मकानों को खाली करने की बात कही। प्रशासनिक महकमे में डिप्टी कलेक्टर, राजगढ़ एसडीएम, नायब तहसीलदार खुजनेर, ईई जल संसाधन, ईई पुर्नवास सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। जिनसे सरपंच रामनरेश धनगर ने ग्रामीणों के साथ डूब प्रभावित जमीन और मकानों का बिना विसंगति के मुआवजा दिया जाने की अपील की।


नौ गांव हुए जलमग्न
डूब क्षेत्र में 28 गांव आबादी वाले और 43 गांवों की जमीनें डूब रही हैं। यहां 28 में से नौ गांव जो डेम के करीब है या फिर निचले स्तर पर बसे है। वह पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। यहां के सभी लोगों को दूसरी जगहों पर विस्थापित कर दिया गया हैं। जबकि इस बार डूबने वाले गांवों को खाली कराने का क्रम चल रहा हैं।

डेम में तेजी से पानी बढ़ रहा हैं, ऐसे में डूब क्षेत्र अंतर्गत आने वाले गांवों के लोगों को सचेत करते हुए मकानों को खाली कराने की अपील करने हम पहुंचे थे। जहां कुछ लोग ऐसे भी मिले, जिनको मुआवजा नहीं मिल पाया हैं। हम सर्च करा रहे है, संबंधितों को जल्द मुआवजा दिया जाएगा।
-भव्या मित्तल, अपर कलेक्टर राजगढ़
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