वहीं शहर में पिछले कुछ दिनों में हुए चोरी और लूट की घटनाओं के तार भी इसी घटना से जुड़े मिले है। फिरौती और लूट के प्रयास के बाद व्यवसाई की शिकायत पर पुलिस घटना में शामिल व्यवसाई के कर्मचारी रामबाबू दांगी निवासी खुरी सहित उसके साथ अन्य दो आरोपी देवराज दांगी और सुनील दांगी निवासी खजुरिया को गिरफ्त में लिया है।
आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद गुरुवार को एसपी सिमाला प्रसाद ने पूरे मामले की जानकारी दी। एएसपी नवल सिंह सिसोदिया के नेत्तृव में हुई इस कार्रवाई में एसडीओपी ब्यावरा एसआर दंडोतिया, थाना प्रभारी एसएस नागर, रामनरेश राठौर, सायबर सेल प्रभारी रामकांत उपाध्याय सहित ब्यावरा शहर और देहात थाना पुलिस को विशेष योगदान रहा।
पुलिस ने तीनों आरोपियों को अलग-अलग जगह से पकड़ा
ब्यावरा में सीमेंट सहित अन्य व्यवसायों से जुड़े प्रतिष्ठित व्यवसाई को सात अगस्त को अपनी दुकान में एक चिटठी पड़ी मिली थी। जिसमें अज्ञात आरोपियों ने उनसे 40 लाख रुपए की फिरौती की मांग करते हुए ऐसा नहीं करने पर इन्दौर में अध्यनरत उनके परिवार के एक सदस्य या अन्य किसी परिजन को जान से मारने की धमकी दी थी। वहीं चिट्टी में इस बात का जिक्र पुलिस से नहीं करने की खास हिदायत भी आरोपियों ने दी थ्ीा।
आरोपियों की धमकी से घबराए राजेन्द्र अग्रवाल ने घटना की गुपचुप सूचना एसपी को दी। इधर धमकी के बाद अग्रवाल परिवार सामान्य होने का प्रयास ही कर रहा था कि 12 अगस्त को राजेन्द्र अग्रवाल के पास एक और फोन आया। जिसमें पैसा का इंतजाम नहीं करने पर उन्हें फिर से धमकाते हुए एक घंटे में पैसे का इंतजाम करने की बात की गई।
इसके बाद 13 अगस्त को इसी नंबर से पहले मिस काल आया और फिर टेक्सट मैसेज के माध्यम से आरोपियों ने पुलिस को सूचना देने से नाराज होकर इस बार फिरोती में 50 लाख रुपए की मांग की। राजेन्द्र अग्रवाल द्वारा धमकी भरे फोन आने की सूचना के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। इसमें मोबाइल लोकेशन ओर अन्य संकेतों के आधार पर पुलिस व्यवसाई के कर्मचारी सहित तीनों आरोपियों को अलग-अलग जगह से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में मुख्य आरोपी व्यवसाई के कर्मचारी रामबाबू ने इस पूरे कांड की प्लानिंग करने और अपने साथियों के साथ अंजमा देने की बात कबूल ली।
फिरौती का मुख्य आरोपी रामबाबू दांगी अग्रवाल परिवार का मुनीम होने के कारण उनके दैनिक लेन देने से पूरी तरह परिचत था। पैसे की चकाचौंध से प्रभावित वह काफी पहले से अग्रवाल परिवार को निशाना बनाने की फिराक में था। इसी के चलते उसके साथियों ने 26 जुलाई को दुकान से घर जाते समय इसी परिवार के नीरज अग्रवाल की आंखों में मिर्च डालने कर उन्हें लूटने का प्रयास किया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिलने पर फिर फिरौती की प्लानिंग की।
धमकाने के लिए लूटा फोन
फिरौती के लिए चि_ी डालने के बावजूद जब अग्रवाल परिवार उनकी मांगे पूरी करता नहीं दिखा। तो आरोपियों ने उन्हें फोन पर धमकाकर पैसे मांगने की प्लानिंग की और इसके लिए उन्होंने 11 अगस्त को मुल्तानपुरा क्षेत्र में के व्यवसाई दिलीप गुप्ता का फोन बात करते हुए छीना और फरार हो गए। इस फोन नंबर से आरोपियों ने व्यापारी को धमकी भरे फोन किए। पुलिस की पूछताछ में व्यवसाई से फोन छीनकर भागने वाले आरोपियों में रामबाबू के अन्य दो साथी सुनील और देवराज का नाम सामने आया है।
ये है घटनाक्रम
– पीडि़त ने बिना डरे दी पुलिस को सूचना पुलिस ने भी गुपचुप तरीके से की कार्रवाई
– मुख्य आरोपी को थी व्यवसाई के पूरे आर्थिक व्यवसाइ की मामलों की जानकारी
– पूरे घटना क्रम के दौरान मुख्य आरोपी व्यवसाई के साथ करता रहा काम
– पुलिस की साइबर सेल की मुस्तैदी से हुआ आरोपियों का खुलासा
– जिले में इस तरह का पहला अपराध, अब व्यवसाइयों और आम लोगों को सर्तक रहने की जरूरत