दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा बीमा कंपनियों को 80 प्रतिशत की जगह 75 प्रतिशत के हिसाब से नुकसान का आंकलन करने के निर्देश दिए हैं। कृषि विभाग की मानें तो ये निर्देश देशभर में एक जैसे लागू हुए हैं। वहीं, भारतीय किसान संघ ने आरोप लगाए हैं कि सरकार ने राजगढ़, भोपाल सहित कुछ अन्य जिलों में भी राशि में कटौती की है। पहले 35 हजार रुपए प्रति हैक्टेयर की राशि किसानों को मिलती थी जिसे कम कर साढ़े २५ हजार कर दिया है। इसका किसान संघ ने विरोध भी जताया है और अब वे प्रदेशव्यापी आंदोलन 15 अक्टूबर से इसे लेकर करेंगे।
किसान का संघ का यह भी आरोप है कि इस सरकार में किसानों की दुर्दशा बहुत हुई है। न किसानों का कर्ज माफ हुआ न उन्हें भावांतर मिला और नही समर्थन मूल्य का बोनस। हर तरह से यह सरकार किसानों के लिए खरी नहीं उतर पा रही है। उक्त तमाम बिंदुओं को लेकर किसान संघ आंदोलन करेगा।
खेतों में तैर रही सोयाबीन, खरपतवार बिगाड़ रही रबी का गणित
आखिरी दौर में हुई बारिश से खड़ी हुई सोयाबीन को भी नुकसान हुआ है वहीं, जो सोयाबीन कटी हुई है वह खेतों में तैर रही है। इसके अलावा लगातार बारिश ने खेतों में खरपतवार भी बढ़ा दी है। इससे आगामी रबी की उपज का गणित पूरी तरह से गड़बड़ा गया है। किसान आगामी उपज की तैयारी नहीं कर पा रहे हैं। वहीं, जो सोयाबीन खराब हुई है उसमें भी दाग पड़ गए हैं। 70 प्रतिशत से ज्यादा खराब होने से भाव ढंग के नहीं मिल रहे। इससे किसानों को इस बार लाग मूल्य भी नहीं निकल पा रही।
15 से प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे
इस सरकार ने न भावांतर दिया न ही बोनस राशि और न ही ऋण माफी की। किसानों की दुर्दशा को देखने वाला कोई नहीं है। भारतीय किसान संघ अब प्रदेशव्यापी आंदोलन 15 अक्टूबर से करेंगे। सरकार ने 35 की जगह साढ़े 25 हजार रु. प्रति हैक्टेयर कर दी है, इससे सीधा नुकसान किसानों को हुआ है।
-कुमैरसिंह सौंधिया, संभागीय अध्यक्ष, भारतीय किसान संघ
सरकार किसानों के साथ है
सरकार किसानों के साथ मुसीबत की घड़ी में खड़ी है। हर संभव मदद की जाएगी, मुख्यमंत्रीजी ने जो घोषणा की है उसके अनरूप किसानों को मुआवजा, बीमा राशि का लाभ जरूर मिलेगा। शासन के जहन में किसानों की पीड़ा है।
पांच प्रतिशत कम किया है
पहले बीमा राशि 80 प्रतिशत नुकसान के हिसाब से राशि दी जाती थी जिसे 75 कर दिया गया है। यह सेंट्रल लेवल पर ही किया गया है। इसके अलावा प्रदेश स्तर पर राहत राशि की दरें अलग से तय की गई है।
-हरीश मालवीय, उप-संचालक, कृषि विभाग, राजगढ़