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बिजली गुल होने के साथ ही ठप होने लगती है डायलेसिस की व्यवस्थाएं

locationराजगढ़Published: Oct 30, 2018 12:17:52 pm

Submitted by:

Bhanu Pratap Thakur

जिला चिकित्सालय के मेडिकल वार्ड में संचालित डायलेसिस केन्द्र….

 bijli

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राजगढ़। कभी तकनीकी खराबी तो कभी व्यवस्थाओं की कमी के कारण जिला चिकित्सालय में संचालित होने वाले डायलेसिस केन्द्र में मरीजों की आफत बनी रहती हैं। कई बार जब डायलेसिस केन्द्र और केन्द्र से ही लगे मेडिकल वार्ड की बिजली गुल होती है, तो इसका असर सीधा डायलेसिस पर पडऩे लगता हैं। क्योंकि डायलेसिस से जुडी मशीनरी को इनवर्टर के माध्यम से चलाया जा रहा है।


इनवर्टर का बेकअप मुश्किल से आधे घंटे ही रहता है, जबकि एक मरीज डायलेसिस में कम से कम तीन घंटे तक का समय लगता हैं। ऐसे में जब भी डायलेसिस के बीच बिजली जाती है, तो न सिर्फ मरीजों, बल्कि मौके पर मौजूद टेेक्नीशियन की परेशानी बढ़ जाती हैं।

हालांकि ऐसा बहुत कम होता हैं, लेकिन जब भी होता हैं। उस समय मरीज की जान पर भी बन आती हैं। ऐसा नहीं है, इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन को कोई जानकारी नहीं हैं। लेकिन इतने गंभीर मामले को भी प्रबंधन ज्यादा तवज्जों देता नजर नहीं आता। यही कारण है कि महिनों से चली आ रही जनरेटर की मांग अभी भी जस की तस बनी हुई हैं।


टेक्निकल रुप से भी कई खामिया

जिले के मरीजों को डायलेसिस जैसी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दीपचन्द्र डायलेसिस दिल्ली से अनुबंध कर यहां यह सुविधा शुरु कराई गई हैं। लेकिन अधिकांश समय यहां मरीजों को सुविधा नहीं मिल पाती। कोई न कोई कमी के चलते कई बार मरीजों को यहां से बैरंग ही लौटा दिया जाता हैं। बात यही डायलेसिस केन्द्र की करें, तो वार्ड में जहां स्पेस कम है, वही जो आरो सिस्टम लगा है उसकी ऊंचाई भी बहुत कम हैं। जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन तेजी से नहीं हो पाता।

टेक्निशियन ही करते है डायलेसिस

जिला चिकित्सालय में मात्र एक एमडी डॉक्टर हैं। ऐसे में कई बार रात की ड्यूटी या फिर अन्य व्यवस्थाओं में उन्हें लगा देने के कारण कई बार यह डायलेसिस टेक्निशियन ही करते हैं। जबकि नियमानुसार यह गलत हैं। ऐसे में यदि कभी कोई चूक होती है और मरीजों को कई नुकसान होता है, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी।
डायलेसिस सुविधा के लिए कई सुधार किए गए हैं और जो कमियां है उन्हें भी पूरा करने का प्रयास चल रहा हैं। जनरेटर लगे हुए है, लेकिन वहां क्यों नहीं है यह देखने पड़ेगा।
डॉ.आरजे कौशल, सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय राजगढ़

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