कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सीईओ मनचाहे समय पर फोन लगाकर दबाव बनाते हैं। आए दिन धमकी देते हैं कि अगर ऐसे काम नहीं किया तो सीआर खराब करवा दूंगा, तनख्वाह काट दूंगा। बेवजह का दबाव बनाकर मानसिक रूप से प्रताडि़त करते हैं। कभी रात को 11 बजे तो कभी 10 बजे, तो कभी सुबह ८ बजे ही फोन कर दबाव बनाया जाता है। रविवार को भी बैठक के लिए बाध्य किया जाता है।
महिला स्टॉफ को जल्दी बुलाया, अन्य से भी करते हैं अभद्रता
हाल ही में एक महिला स्टॉफ को सीईओ ने फोन कर सुबह ९.३० बजे बुला लिया, जिसे लेकर भी दोनों में काफी बहस हुई, तीखी नोंक-झोंक भी हुई। इसके अलावा महिला कर्मचारियों, स्टॉफ ने आरोप लगाया कि उनके सामने ही अश्लील शब्दों का प्रयोग वे करते हैं, जानबुझकर महिला जीआरएस, महिला प्रधान, महिला सचिव और महिला जनपदकर्मियों के ग्राम पंचायत, घर में पहुंचकर अभद्रता करते हैं। पूरा स्टॉफ और जनपद का मैदानी अमला सीईओ से त्रस्त हैं, इसी का विरोध किया जा रहा है।
सीईओ ओझा ज्वॉइनिंग समय से ही विवादों में रहे हैं। कलेक्टर से लेकर सीईओ जिला पंचायत तक उनकी शिकायत की जा चुकी है बावजूद इसके उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा। पहले भी इसी तरह की अश्लीलता और हटधर्मिता का आरोप लगाया गया था, जिसमें सीधी तौर पर बेवजह प्रताडि़त करने का आरोप लगाया था। वरिष्ठ अफसरों ने इन्हें समझाया भी लेकिन इनकी कार्यप्रणाली में कोई परिवर्तन नहीं आया, इसीलिए अब फिर से विरोध जताया जा रहा है।
तनख्वाह तो रविवार की भी मिलती है
कोई विरोध नहीं है, जिपं सीईओ बैठक ले रहे हैं मैंने ले ली तो क्या गलत है, रविवार की भी तो तनख्वाह लेते हैं सभी कर्मचारी। हमने उन्हें समझा दिया है। हमने उन्हें समझा दिया है, ऐसा कुछ नहीं है हमने कोई बदतमीजी नहीं की।
-के. के. ओझा, सीईओ, जनपद पंचायत, ब्यावरा
पहले भी मेरे पास ऐसी शिकायतें आई हैं, हम बात करेंगे। शासन स्तर पर हम बात करेंगे। शासन स्तर पर ही सीईओ की नियुक्तियां होती हैं, ऐसे में हमने वरिष्ठ अफसरों से बात की है। जरूरी परिवर्तन भी करना पड़ा तो करेंगे।
-नीरज कुमार सिंह, कलेक्टर, राजगढ़