आदेश लागू होने के बाद से ही अलग-अलग तय स्थानों पर संबंधित अधिकारी पहुंचकर झूंड में बैठी गायों को हटा रहे हैं साथ ही हाथोंहाथ इसका फोटो खींचकर वॉट्स-एप के ऑफिशियल ग्रुप में डाल रहे हैं। शाम सात बजे से ही नियमित गश्त संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों ने शुरू कर दी है।
प्रशासन ने सभी जिम्मेदारों को अलग-अलग जगह चिह्नित की है, इसके तहत शहर के आस-पास से निकलने फोरलेन के पूरे दो से तीन किमी के दायरे तक भी अधिकारियों की गाड़ी गश्त कर मुआयना कर रही है। जहां भी झूंड में या रोड के बीच एक या दो गाय दिख रही हैं वहां उन्हें हटाने में लगे हैं।
उल्लेखनीय है कि रात में रफ्तार से चलने वाले बेकाबू ट्रक सहित अन्य भारी वाहनों की चपेट में आने से गाय रोजाना हादसे का शिकार हो रही थीं। खिलचीपुर, ब्यावरा में बड़े हादसे होने के बाद पहले जिला प्रसासन ने धारा-144 लगाई, लेकिन बात नहीं बनीं तो अब अधिकारियों को ही इसका जिम्मा दे दिया है।
पत्रिका व्यू : जिन्होंने गाय छोड़ी वे हैं असल दोषी!
जिले में लॉ एंड ऑर्डस कायम करने और आपातकाल में गायों जैसे ज्वलंत मुद्दे पर अधिकारियों की ड्यूटी लगाना एक हद तक ठीक है लेकिन राज्य प्रशासनिक सेवा सहित विभिन्न प्रकार की हाईटेक पढ़ाई कर अच्छे पद पर काबिज जिम्मेदार ऑफिसर्स से बजाए गाय भगवाने के बजाए प्रशासन दूसरे तरीके से भी इस समस्या से निपट सकता है।
जिले में लॉ एंड ऑर्डस कायम करने और आपातकाल में गायों जैसे ज्वलंत मुद्दे पर अधिकारियों की ड्यूटी लगाना एक हद तक ठीक है लेकिन राज्य प्रशासनिक सेवा सहित विभिन्न प्रकार की हाईटेक पढ़ाई कर अच्छे पद पर काबिज जिम्मेदार ऑफिसर्स से बजाए गाय भगवाने के बजाए प्रशासन दूसरे तरीके से भी इस समस्या से निपट सकता है।
तमाम ग्राम पंचायतों में जनपदों, सरपंच, जीआरएस और सचिवों के माध्यम से यह अस्थाई व्यवस्था बनाई जा सकती है कि जिन जिम्मेदार लोगों, किसानों ने इन गायों को छोड़ा उन पर कार्रवाई की जाए, उन्हें चेतावनी दी जाए या फिर ऐसी सख्ती दिखाई जाए ताकि दोबारा वे ऐसी गलती न करें।
इस संबंध में जिला प्रशासन चाहे तो निर्णय ले सकता है। अधिकारियों की गश्त और धारा-१44 सहित पशु राहत शिविर शासन की अस्थाई व्यवस्था है जो एक निश्चित समय बाद बंद हो जाएगी, इसके बाद भी गायों की सुरक्षा को लेकर यह स्थाई कदम जिला प्रशासन को उठाना चाहिए।
200 से अधिक गाय हटवाईं
हमारी पूरी टीम मौके पर लगी हुई थी, हमने रात 11 बजे तक पूरी मॉनीटरिंग की और फोरलेन पर बैठी गाय को राहत शिविर में पहुंचाया। एक भी हादसा न हो इसके लिए पूरे समय हम घूम रहे हैं।
– इकरार अहमद, सीएमओ, नपा, ब्यावरा