स्वच्छता टीम द्वारा किए गए सर्वे में कहीं नालियां नहीं बनीं थी तो कहीं लंबे समय से उनकी सफाई नहीं हुई। वहीं, टॉयलेट, शौचालय की स्थिति भी काफी दयनीय मिली।
शनिवार-रविवार को ब्यावरा आई स्वच्छता सर्वेक्षण टीम ने पत्रिका को बताया कि हालांकि पूरे बिंदू हम आपको नहीं बता सकते लेकिन ब्यावरा, नरसिंहगढ़ और सारगंपुर सहित अन्य परिषदों की स्थिति भी दयनीय है।
टीम ने बताया कि ब्यावरा में सर्वाधिक गंदगी उन्हें देखने को मिली। यहां की नालियां ज्यादातर गंदी हैं। कई दिनों से न फिनाइल डला नही साफ हुईं। इसके अलावा सार्वजनिक टॉयलेट, शौचालय इत्यादि की स्थिति भी खराब है।
जिले के ओव्हरऑल रिव्यू के अनुसार स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर जिला प्रशासन विज्ञापन, स्लोगन, रंग-रोगन और जागरूकता अभियान में भी पीछे रहा। इंदौर, भोपाल सहित अन्य छोटे शहरों (आष्टा, शुजालपुर, देवास, शाजापुर आदि) को भी यहां की परिषदों ने फॉलो नहीं किया। नजीता यह रहा कि जागरूकता की मार्किंग भी सर्वे में माइनस ही रही। इसलिए माना जा रहा है कि अलग-अलग कैटेगिरी के लोगों से लिए गए रिव्यू के आधार पर जिलेभर की नगर परिषदों में स्वच्छता की स्थिति दयनीय ही मिली है।
स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर पूरी कोशिश की है, कोई कमी अपने स्तर पर नहीं रखी। आगे भी हमारे प्रयास जारी रहेंगे, जिसमें हमारी कोशिश रहेगी कि स्वच्छता में हम अव्वल रहें।
– इकरार अहमद, सीएमओ, नपा, ब्यावरा
पूरी रिपोर्ट हम शासन को सौंपेंगे, फिलहाल हमने जिलेभर के शहरों का सर्वे किया है। जिसमें बिंदुवार अलग-अलग मार्किंग की है। पूरा रिव्यू फरवरी के आखिर तक आएगा।
– धर्मेंद्रसिंह जादौन, टीम लीडर, स्वच्छता सर्वेक्षण टीम, भोपाल