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नालियां गंदी, टॉयलेट भी दयनीय, स्वच्छता के विज्ञापन में भी पिछड़ा राजगढ़, सर्वेक्षण में अव्वल आने से कोसों दूर हमारा जिला!

locationराजगढ़Published: Feb 16, 2020 09:49:47 pm

– स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 का प्रारंभिक रिव्यू – जिलेभर में सर्वे कर रिपोर्ट तैयार कर ले गई भोपाल की टीम, फरवरी के आखिर में आना रिजल्ट

नालियां गंदी, टॉयलेट भी दयनीय, स्वच्छता के विज्ञापन में भी पिछड़ा राजगढ़, सर्वेक्षण में अव्वल आने से कोसों दूर हमारा जिला!

नालियां गंदी, टॉयलेट भी दयनीय, स्वच्छता के विज्ञापन में भी पिछड़ा राजगढ़, सर्वेक्षण में अव्वल आने से कोसों दूर हमारा जिला!

ब्यावरा. स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 को लेकर जिलेभर की विभिन्न परिषदों में सामने आए रिव्यू में स्वच्छता को लेकर स्थिति दयनीय है। जिले के अधिकतर शहर में स्वच्छता की रेंकिंग खराब हुई है। भोपाल से आई टीम ने अलग-अलग लोगों से रिव्यू लिए।
हालांकि पूरी रिपोर्ट स्टेट टीम को सौंपी जाएगी लेकिन उनके प्रारंभिक रिव्यू में कई कमियां जिले की सामने आई है।
स्वच्छता टीम द्वारा किए गए सर्वे में कहीं नालियां नहीं बनीं थी तो कहीं लंबे समय से उनकी सफाई नहीं हुई। वहीं, टॉयलेट, शौचालय की स्थिति भी काफी दयनीय मिली।
नगर पालिका परिषदों द्वारा सूखे और गीले कचरे का प्रबंध भी ढंग से नहीं किया गया। जिन लोगों से रिव्यू लिया गया उनमें से अधिकतर को यही नहीं पता कि गीला कचरा कौन सा है और सूखा कौन सा? साथ कचरा प्रबंधन की व्यवस्थाएं भी इन परिषदों में तमाम प्लॉनिंग के बावजूद नहीं मिल पाई। ऐसे में अंदेशा लगाया जा रहा है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने से कोसों दूर हमारा राजगढ़ रहेगा।
नालियां गंदी, टॉयलेट भी दयनीय, स्वच्छता के विज्ञापन में भी पिछड़ा राजगढ़, सर्वेक्षण में अव्वल आने से कोसों दूर हमारा जिला!
राजगढ़ को छोड़कर बाकी जगह बाकी हालात खराब
शनिवार-रविवार को ब्यावरा आई स्वच्छता सर्वेक्षण टीम ने पत्रिका को बताया कि हालांकि पूरे बिंदू हम आपको नहीं बता सकते लेकिन ब्यावरा, नरसिंहगढ़ और सारगंपुर सहित अन्य परिषदों की स्थिति भी दयनीय है।
पूरे जिले की स्थिति देखी जाए तो जिला मुख्यालय राजगढ़ की रेंकिंग काफी बेहतर। हालांकि वहां भी कलेक्टर के थप्पड़ कांड के बाद से तमाम स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 और अतिक्रणम सहित अन्य मुद्दे ठंडे बस्ते में हैं।
ब्यावरा में सर्वाधिक दयनीय हालात, नालियां-टॉयलेट सब गंदे
टीम ने बताया कि ब्यावरा में सर्वाधिक गंदगी उन्हें देखने को मिली। यहां की नालियां ज्यादातर गंदी हैं। कई दिनों से न फिनाइल डला नही साफ हुईं। इसके अलावा सार्वजनिक टॉयलेट, शौचालय इत्यादि की स्थिति भी खराब है।
लोगों ने स्वच्छता के प्रोटोकॉल के हिसाब से कोई काम ही नहीं किया न ही स्वच्छता की आदत सुधारी। पिछली बार के क्वॉटरली सर्वे में जिले में नरसिंहगढ़ नगर परिषद की रेटिंग काफी आगे थी लेकिन दोबारा किए गए सर्वे में वह भी पिछड़ गई है।

विज्ञापन, रंग-रोगन, होर्डिंग्स व जागरूकता में भी पिछड़े
जिले के ओव्हरऑल रिव्यू के अनुसार स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर जिला प्रशासन विज्ञापन, स्लोगन, रंग-रोगन और जागरूकता अभियान में भी पीछे रहा।

इंदौर, भोपाल सहित अन्य छोटे शहरों (आष्टा, शुजालपुर, देवास, शाजापुर आदि) को भी यहां की परिषदों ने फॉलो नहीं किया। नजीता यह रहा कि जागरूकता की मार्किंग भी सर्वे में माइनस ही रही। इसलिए माना जा रहा है कि अलग-अलग कैटेगिरी के लोगों से लिए गए रिव्यू के आधार पर जिलेभर की नगर परिषदों में स्वच्छता की स्थिति दयनीय ही मिली है।
हमने पूरी कोशिश की है
स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर पूरी कोशिश की है, कोई कमी अपने स्तर पर नहीं रखी। आगे भी हमारे प्रयास जारी रहेंगे, जिसमें हमारी कोशिश रहेगी कि स्वच्छता में हम अव्वल रहें।
– इकरार अहमद, सीएमओ, नपा, ब्यावरा
रिपोर्ट स्टेट को सौंपेंगे
पूरी रिपोर्ट हम शासन को सौंपेंगे, फिलहाल हमने जिलेभर के शहरों का सर्वे किया है। जिसमें बिंदुवार अलग-अलग मार्किंग की है। पूरा रिव्यू फरवरी के आखिर तक आएगा।
– धर्मेंद्रसिंह जादौन, टीम लीडर, स्वच्छता सर्वेक्षण टीम, भोपाल

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