दरअसल, पूर्व नियोजित निरीक्षण में स्टेशन पर पहले से ही तमाम तैयारियां की जा चुकी थीं। उन्होंने स्टेशन पर की जा रही अग्रवाल समाज की जल वितरण व्यवस्था को भी सराहा। मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने दूधी पुल के आठ किलोमीटर के डायवर्शन को लेकर कहा कि फिलहाल प्रदेश स्तर पर जमीन अलॉट होना है, इसलिए काम पेंडिंग है।
देश स्तर पर प्रोजेक्ट अटका…
बता दें कि उक्त पुल के कारण जिले की सबसे बड़ी परियोजना मोहनपुरा डेम को हर बार आठ मीटर खाली रखा जाता है। 393 मीटर तक पानी आ जाने पर लाइन डूब जाती है और डेम 398 पर पानी आने पर पर्याप्त पानी भर जाता है लेकिन हर बार जल संसाधन विभाग को लाइन के लिए ही 390 मीटर तक ही पानी रखना पड़ता है। इसके लिए 169 करोड़ रुपए रेलवे को दिए जा चुके है लेकिन प्रदेश स्तर पर प्रोजेक्ट अटका है। डीआरएम ने प्लेटफॉर्म पर बुनियादी सुविधाओं को लेकर बात की। रेलवे कॉलोनी का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। ट्रेनों के स्टॉपेज को लेकर कुछ समाजसेवियों ने ज्ञापन भी सौंपा।
नपा, वन विभाग के सहयोग से पौधारोपण की तैयारी
लगभग बुनियादी सुविधाओं (ओव्हरब्रिज, इलेक्ट्रिफिकेशन, प्लेटफॉर्म उन्नयन) सहित अन्य काम के अलावा डीआरएम ने स्टेशन परिसर में पौधारोपण पर जोर दिया। उनके साथ आए मंडल के सीनियर डिविजन कॉर्डिनेटर संजीव कुमार ने बताया कि आईओडब्ल्यू अधिकृत तौर पर नगर पालिका और वन विभाग से बात कर यहां पौधारोपण करवाएगा। साथ ही रेल्वे के गार्डन में आम जनता को एंट्री तो मिलने लगेगी, लेकिन इसके भी मैंटनेंस का जिम्मा स्थानीय एजेंसी को देने की प्लॉनिंग की जा रही है। इसे लेकर स्थानीय रेल्वे स्टेशन प्रबंधन, आईओडब्ल्यू, नपा सहित अन्य एजेंसियां काम करेंगी।
सीधी-बात
डीआरएम उदय बोरवानकर से
सवाल- इलेक्ट्रिफिकेशन काम कर दिया गया, लेकिन दूधी पुल आठ किमी तक डायवर्टहोना है, वह काम किस स्टेज में है?
जवाब : उक्त काम के लिए शासन स्तर पर जमीन अलॉट होना है, जमीन पूरी मिलने के बाद ही काम हो पाएगा।
सवाल- बहुप्रतिक्षित रामगंजमंडी-भोपाल लाइन को मप्र की सीमा में आकर गति क्यों नहीं मिल पा रही?
जवाब : प्रोजेक्ट का काम बेरागढ़ की ओर से शुरू हुआ है, कहीं कोई दिक्कत नहीं प्रोजेक्ट को गति मिल रही है।
सवाल- मानव रहित रेल क्रासिंग करने के मकसद से बनाए गए अंडरब्रिज दिक्कत देते हैं बारिश में इसका कोई समाधान?
जवाब : बारिश के कुछ ही दिनों में दिक्कत रहती है, वैकल्पिक तौर पर पानी खाली करवाना ही एक समाधान है, लेकिन फायदे कई हैं।