बिजली कंपनी ने बुधवार को प्लॉनिंग के साथ छह टीमें गठित कीं, जिनका नेतृत्व एई और जेई ने किया। शहर के विभिन्न हिस्सों मे उक्त टीमों ने कार्रवाई की, जिनका भी बिल एक माह से अधिक एक हजार रुपए का पाया गया उन पर कार्रवाई की गई। कनेक्शन काट दिया और हाथोंहाथ जमा करने की भी हिदायत दी। इस दौरान कई गह बिल की रिडिंग, मनमाने बिलों को लेकर विवाद की स्थिति भी बनीं। साथ ही जिस एरिया में डिस्क्नेक्ट किया गया वहां की गई बार-बार की कटौती से भी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस दौरान बिजली कंपनी की छह ही टीमों ने दिनभर में करीब 150 कनेक्शन काटे। सभी पर एक हजार से अधिक बकाया था। इस दौरान एई ग्रामीण उमेश विश्वकर्मा, जेई एम. के. मिश्रा, नीरज मल्हौत्रा, पवनसिंह, प्रीतेश ठाकरे सहित अन्य मौजूद रहे।
जनता पर मनमाने बिलों के बोझ के साथ ही बिजली कंपनी अपने अधिनस्थ कर्मचारियों पर भी सख्ती कर रही है। संबंधित बिलों का समय पर भुगतान नहीं होने की स्थिति में उनसे लिखित में स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। यानि यदि किसी जेई, एई के क्षेत्र में वसूली पर्याप्त नहीं होती है तो उन्हें ही इसका लिखित जवाब देना होगा, साथ ही उन पर निकट भविष्य में कार्रवाई की चेतावनी भी एमडी स्तर के अधिकारी दे रहे हैं।
वसूली को लेकर सख्ती की गई है
वसूली को लेकर हमने सख्ती की है, इसमें टारगेट है कि एक हजार से अधिक बकाया वालों से वसूली की जाए, नहीं देने पर कनेक्शन काटे जाएं। जहां तक बात योजना के दायरे की है तो शासन ने जो तय गाइड लाइन दी है उसी हिसाब से यह लागू होगी।
-भानु तिवारी, एई, एमपीईबी, ब्यावरा
राहत नहीं चुनावी रणनीति है
जिस 100 यूनिट में राहत की बात भाजपा की सरकार कर रही है वह नाम मात्र की राहत है। सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी है। आने वाले उप-चुनाव को लेकर जनता को भाजपा प्रलोभन देना चाहती है, यही सच्चाई भी है।
-प्रियव्रत सिंह, पूर्व मंत्री और विधायक, मप्र शासन