दरअसल, 20 मार्च तक हर हाल में पचोर से विजयपुर के बीच का काम पूरा करने के लिए निर्माण एजेंसी (केईसी) दिन-रात जुटी हुई है। फिलहाल पचोर से ब्यावरा काम पूरा हो चुका है। बीच में तार चोरी होने और ट्रेन में तार फंस जाने से काम की रफ्तार धीमी हुई थी, लेकिन अब फिर से काम की रफ्तार बढ़ी है। अब सीआरएस टीम के आने से पहले पूरा काम कर लिया जाएगा।
टीम की हरी झंडी के बाद ही ट्रैक सुरक्षित
भारत सरकार के वाणिज्य, उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से संबंधित सीआरएस (रेलवे सुरक्षा आयोग) टीम पूरी सुरक्षा की पड़ताल करती है। जहां भी नए सिरे से इलेक्ट्रिफिकेशन का काम होता है वहां उक्त टीम जांच करती है। यदि टीम किसी भी एंगल से काम में कमी निकाल दे तो वहां ट्रेन शुरू नहीं की जा सकती। ट्रॉयल के तौर पर ट्रेन पर ही लगे रहने वाले पेंटो के माध्यम से अत्याधुनिक मशीनरी से पूरी जानकारी अपेडट की जाती है। सीआरएम दौरे के दौरान भी इलेक्ट्रिक ट्रेन दौड़ाकर वे टेस्टिंग करेंगे। वे सब-स्टेशन से आउट होने वाली 132 केवी की लाइन सहित अन्य बिंदुओं पर जांच करेगी।
भारत सरकार के वाणिज्य, उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से संबंधित सीआरएस (रेलवे सुरक्षा आयोग) टीम पूरी सुरक्षा की पड़ताल करती है। जहां भी नए सिरे से इलेक्ट्रिफिकेशन का काम होता है वहां उक्त टीम जांच करती है। यदि टीम किसी भी एंगल से काम में कमी निकाल दे तो वहां ट्रेन शुरू नहीं की जा सकती। ट्रॉयल के तौर पर ट्रेन पर ही लगे रहने वाले पेंटो के माध्यम से अत्याधुनिक मशीनरी से पूरी जानकारी अपेडट की जाती है। सीआरएम दौरे के दौरान भी इलेक्ट्रिक ट्रेन दौड़ाकर वे टेस्टिंग करेंगे। वे सब-स्टेशन से आउट होने वाली 132 केवी की लाइन सहित अन्य बिंदुओं पर जांच करेगी।
सूचना मिली है कि 24 तारीख को सीआरएस की टीम का दौरा होना है। उक्त टीम बारीकी से इलेक्ट्रिफिकेशन की जांच करती है। फाइनली हरी झंडी मिलने के बाद ही संबंधित ट्रैक पर पैसेंजर और मालगाडिय़ां चल पाती हैं।
-चंद्रभूषण कुमार, उप-स्टेशन प्रबंधक, ब्यावरा
-चंद्रभूषण कुमार, उप-स्टेशन प्रबंधक, ब्यावरा