ऐसे ही दस्तावेज में हेर-फेर कर पट्टी में गड़बड़ी करने वाले एक युवक को राजस्व विभाग की टीम ने बुधवार को तहसील से पकड़ा है। उसने फर्जी दस्तावेज से मूल जमीन को 20 गुना बढ़ा लिया। जब वह 16 बीघा की फर्जी पट्टी को कम्प्यूटर पर अपडेट करवाने आया तो हकीकत सामने आई। जैसे ही उसका रिकॉर्ड खंगाला गया तो सामने आया कि पट्टी पर तहसीलदार, पटवारी के फर्जी हस्ताक्षर थे और रकबे में भी छेड़छाड़ की गई है। पटवारियों ने नायब तहसीलदार को सूचना दी और संयुक्तरूप से कार्रवाई करते हुए उसे पकड़ा गया।
नायब तहसीलदार ने बताया कि पर्वत सिंह पिता हरिराम ललवंशी निवासी कोडिय़ाखेड़ी को पकड़ा गया है। कूटरचित दस्तावेज से शासन की योजनाओं के दुरुपयोग में उसे पकड़ा गया है। उसे पुलिस को सौंपा जाएगा, साथ ही अन्य गड़बडिय़ों की पूछताछ भी की जाएगी। हालांकि उसने पूछताछ में बताया कि उसे यह पट्टी हेमराज सौंधिया निवासी लताडिय़ा (राजगढ़) ने किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए दी थी। बताया गया कि तहसीलदार और पटवारियों के हस्ताक्षर भी खुद ने ही फर्जी तरीके से कर लिए थे। उसकी जमीन ब्यावरा में होने और पटवारी राजगढ़ के होने के कारण उसने यह गड़बड़ी की। जिस पटवारी (बंशीलाल वर्मा) केे हस्ताक्षर उसने पट्टी पर किएवे छह माह पहले ही रिटायर्ड हो चुके हैं। साथ ही वर्तमान पटवारी महेशशर्मा के नाम की सील और हस्ताक्षर भी फर्जीकर लिए। जब उसी पटवारी ने दस्तावेज कम्प्यूटर पर जांचे तो पूरी गड़बड़ी सामने आ गई। बता दें कि वह फर्जी पट्टी की एंट्री कम्प्यूटर में करवाकर जमीन का नामांतरण करवाने आया था।इसी से वह फर्जीतौर पर केसीसी निकालने की जुगत में भी था।
दूसरे के नाम की 20 गुना बढ़ा दी जमीन
जब रिकॉर्ड खंगाला गया तो सर्वे क्रमांक-142 की जमीन गुलाब पिता दोलाजी लववंशी के नाम है जिसका वास्तविक रकबा 0.202 (पौन बीघा या 16 बसवा) है।उसे आरोपी ने चुन्नीलाल के नाम करना चाहा और सर्वे क्रमांक-142/1/5 कर दिया जबकि इसका न बंटवारा हुआन ही बटांकन। साथही उक्तपट्टी कभी अस्तित्व में ही नहीं रही, पूरी तरह से फर्जीतरीके से इसे बनाया गया था। राजस्व टीम ने बताया कि उसने 0.202 रकबे को हेरा-फेरी कर 4.076 कर लिया था। यानीं पौन बीघा (16 बसवा) जमीन 16 बीघा चार बसवा कर ली। सीधे तौर पर जमीन को केसीसी के लिए20 गुना बढ़ा लिया गया था।
जब रिकॉर्ड खंगाला गया तो सर्वे क्रमांक-142 की जमीन गुलाब पिता दोलाजी लववंशी के नाम है जिसका वास्तविक रकबा 0.202 (पौन बीघा या 16 बसवा) है।उसे आरोपी ने चुन्नीलाल के नाम करना चाहा और सर्वे क्रमांक-142/1/5 कर दिया जबकि इसका न बंटवारा हुआन ही बटांकन। साथही उक्तपट्टी कभी अस्तित्व में ही नहीं रही, पूरी तरह से फर्जीतरीके से इसे बनाया गया था। राजस्व टीम ने बताया कि उसने 0.202 रकबे को हेरा-फेरी कर 4.076 कर लिया था। यानीं पौन बीघा (16 बसवा) जमीन 16 बीघा चार बसवा कर ली। सीधे तौर पर जमीन को केसीसी के लिए20 गुना बढ़ा लिया गया था।
हमारी टीम ने गड़बड़ी पकड़ी है, आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया है। जो भी कानून धारा लगेगी उसी में कार्रवाई की जाएगी। उससे पूछताछ के बाद अन्य गड़बडिय़ां भी उजागर होने के आसार हैं।
-प्रदीप भार्गव, नायब तहसीलदार, ब्यावरा
-प्रदीप भार्गव, नायब तहसीलदार, ब्यावरा