दरअसल, खरीदी के दूसरे ही दिन सोयाबीन के भाव कम होने से किसान नाराज हो गए और खरीदी कैंसल करवा ली। साथ ही हंगामा और नारेबाजी करते हुए मंडी गेट पर पहुंचे, यहां उन्होंने आरोप लगाया कि व्यापारी जानबूझकर भाव कम कर रहे हैं।
एक दिन पहले तक जो सोयाबीन 3100 से ऊपर बिक रही थी उसे घटाकर व्यापारियों ने एक ही दिन में 2700 से 2900 के बीच कर दी है। यह सीधे तौर पर किसानों के साथ छलावा है। नारेबाजी कर रहे किसानों को पुलिस ने समझाइश दी लेकिन वे नहीं माने।
पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में हुई खरीदी….
मंडी का गेट लगाकर प्रदर्शन कर रहे किसानों को समझाने बड़ी तादाद में पुलिस बल पहुंचा। पुलिसकर्मियों ने किसानों को आचार संहिता का हवाला देकर शांत किया और जैसे-तैसे गेट खुलवाया। बाद में पहुंचीं तहसीलदार अल्कासिंह की मौजूदगी में खरीदी शुरू की गई।
मंडी प्रशासन, पुलिस और प्रशासन की टीम ने दोबारा शुरू करवाई। इस दौरान व्यापारियों का कहना था कि प्लांट से ही भाव तय होते हैं, जिनकी डिटेल ऑनलाइन खंगाली जा सकती है। प्रदेशभर में एक साथ भाव कम हुए हैं, अकेले ब्यावरा में नहीं? भाव हम जानबूझकर कम नहीं कर रहे।
किसान अधिक, वेरिफिकेशन के काउंटर कम….
खरीदी के दौरान किसानों को प्रवेश पर्ची और भुकतान पत्रक पर एंट्री करवाने में भी काफी दिक्कत आई। किसानों की संख्या अचानक अधिक हो गई और वेरिफिकेशन के काउंटर एक ही होने से उन्हें खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
मंडी भाव पर एक नजर….
सोयाबीन 2700-3020
गेहूं 1880-1940
चना 3265-3625
मक्का 1100-1240
उड़द 3100-3240
धनिया 4250-5150
(नोट : भाव ब्यावरा मंडी के अनुसार) इनका कहना है…. व्यापरी जब बोली लगाते हुए आ रहे थे तो एक ही लाइन में उन्होंने तीन से चार सौ रुपए प्रति क्वींटल भाव को तोड़ दिया। न सोयाबीन गीली थी न ही दागी फिर भी व्यापारी मनमानी पर उतर आए हैं।
राहुल सौंधिया, किसान, निवासी बामल्यापुरा
-मोहन गुर्जर, किंसान, निवासी भगवतीपुर
खरीदी सभी जगह एक साथ शुरू हुई है, भाव का कम-ज्यादा होना किसी के हाथ में नहीं है। किसानों ने भाव की कमी को लेकर विरोध जताया था, जिसमें मंडी प्रशासन कुछ नहीं कर सकता। प्रशासन की मौजूदगी में समझाइश के बाद दोबारा खरीदी शुरू करवाई गई थी।
-आर. के. रावत, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति, ब्यावरा