अध्यक्ष प्रतिनिधि जगदीश दांगी ने बताया कि हर कोई बिना कारण दबाव बनाता रहा। एक ओर लोकतंत्र में महिला के अधिकारों की बात की जाती है, उन्हें अध्यक्ष बनाकर तमाम प्रकार के मौके देने के दावे किए जाते हैं लेकिन यहां तो इसका उल्टा ही हुआ। नेताओं और अधिकारियों ने पद की गरिमा ही नहीं रखी। पहले बीजेपी के जनप्रतिनिधियों ने अवसर नहीं दिया और अब तो एक सालभर से हमारी ही सरकार होने के बावजूद हमें कुछ नहीं करने दिया, इसी कारण समूचे जनपद परिक्षेत्र में विकास नहीं हो पाया।
अधिकारों का हुआ हनन
जनता द्वारा चुने जाने के बाद हमारे अधिकारों का हनन हुआ है। यहां हर कोई दबाव बनाता रहा। काम करने का मौका तक नहीं दिया। ऐसे में कोई काम करे तो कैसे करे? इसीलिए पूरी जनपद पिछड़ी हुई स्थिति में है।
-कमलाबाई दांगी, अध्यक्ष, जनपद पंचायत, ब्यावरा
11 को पूरा हो जाएगा कार्यकाल
लोकतांत्रित प्रक्रिया से ही चुनाव होते हैं, हमने जितने भी बैठकें की बकायता अध्यक्ष को आमंत्रित किया, उनसे सहमति ली। हमसे पहले क्या हुआ इस बारे में कुछ नहीं बता सकता। फिलहाल 11 मार्च को पंचायतों सहित जनपद का कार्यकाल पूरा हो जाएगा।
-सतीशदत्त शर्मा, सीईओ, जनपद पंचायत, ब्यावरा