एक साथ अज्ञात लोगों ने फेंसिंग में लगे पोल तोड़ दिए और वन विभाग को इस बात की भनक तक नहीं लगी। जिसके बाद वन बीट में गायों को अंदर कर दिया गया। शासकीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों की अभी तक पहचान नहीं हुई है, लेकिन सूत्र बताते है कि यह वारदात आसपास के लोगों द्वारा ही की गई है।
क्यों नहीं लगता पता
वनों की सुरक्षा के लिए दिन हो या रात गार्डो की ड्यूटी रहती है, लेकिन यह दूसरा मामला है जब खोयरी की बीट पर लोगों ने किसी वारदात को अंजाम दिया हो। इससे पहले वर्ष 2009 में खोयरी के जंगल से भारी मात्रा में सागौन काट ली गई थी। हालांकि सुबह-सुबह वे सागौन को ले नहीं जा पाए और चौकीदार की नीद खुल गई और काटा गया सागौन वहीं पड़ा रहा।
फसल न बिगड़े इसलिए वन बीट के अंदर कर दी गायें
इन दिनों खेतों में फसलें लगी हुई है। लेकिन अधिकांश खेतों में बागड़ नहीं होती। जिसके कारण उन खेतों में लगी फसलों को पशु खाते है और ऐसा न हो। इसके लिए ग्रामीण गाय, बछड़े, बैल आदि को गांव की सीमा से बाहर छोड़ देते है। एक गांव से दूसरे गांव इन्हें भेजने के कारण कई बार लाठियां और तलवारे तक चल चुकी है। अधिकांश यह बारिश के समय ही होता है। जब खेतों में फसलें लहराती है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसी कारण से यह खंबे तोड़े गए। ताकि पशुओं को वन बीट के अंदर किया जा सके और वे फसलों को नुकसान न पहुंचाए।
साहबसिंह, डिप्टी रेंजर राजगढ़