नारायणसिंह नागर निवासी हरलाई का शव दोपहर में ब्यावरा में मिला। वहीं, उसके एक अन्य साथी की जान पचोर में दहशत में ही चली गई। जांच में होटल के सीसीटीवी में उसका एक साथी और दिख रहा है। वह नारायणसिंह की बाइक लेकर पचोर गया। फिर रात में रेलवे स्टेशन चला गया। वहां सुबह रामबिलास सेन (४५) निवासी आनंद नगर कॉलोनी का शव मिला। उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। हालांकि उसने जहरीला पदार्थ नहीं खाया। डॉक्टर्स का कहना है कि उसकी मौत दहशत में हुई है। मामला पचोर थाने में शून्य पर कायम कर जीआरपी ब्यावरा को सौंपा गया है। उसके हाथ पर भी राजेश भारती का नाम लिखा हुआ है, पसीने और पानी के कारण कुछ हिस्सा मिट गया।
चिटफंड कंपनियों में निवेशकों को देने लिए थे थी उधारी
केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने मामले की जांच की तो सामने आया कि मृतक नारायण सिंह ने कुछ चिटफंड कंपनिों में रुपए निवेश किए थे, कंपनी का रुपया डूब गया और निवेशक दबाव बना रहे थे। राजेश भारती से ब्याज पर रुपए लेकर कर्ज चुकाता रहा। इस कर्ज को उतारने किश्तों में उसने रुपए दिए। सूदखोर भारती ने ब्याज की दर बढ़ाकर अधिक रुपयों की मांग की और जल्दी देने का दबाव बनाया। इसी से तंग आकर उसने जान दे दी। सुसाइड नोट में भी यही लिखा है कि राजेश भारती की प्रताडऩा से ही जान दे रहा हूं।
…और यूं बनाया सूदखोर ने दबाव, 13 एकड़ जमीन करा ली थी नाम
सूदखोर पहले मृतक को जरूरत के हिसाब से रुपए देता रहा। फिर नहीं चुका पाने के दौरान दबाव बनाया। ब्याज का ब्याज भी उससे वसूला, ऐसी ही लिखा पड़ी की। पुलिस ने बताया कि उसने नारायणसिंह से नौ लाख रुपए की उधारी के लिए 13 एकड़ खेत अपने नाम लिखवा लिया था, जिसे उसने कब्जे में भी ले लिया। हालांकि इस मामले की जानकारी मृतक के कुछ ही परिजनों को है। इसलिए वे विस्तार से पुलिस को नहीं बता पाए।