भगवान कृष्ण की मनोहारी छबि से वंृदावन नगर में मथुरा सा हो गया है। राजगढ़ रोड स्थित वृंदावन नगर में नौ जनवरी से चल रही श्रीकृष्ण
ब्यावरा. भगवान कृष्ण की मनोहारी छबि से वंृदावन नगर में मथुरा सा हो गया है। राजगढ़ रोड स्थित वृंदावन नगर में नौ जनवरी से चल रही श्रीकृष्ण रासलीला में भगवान के विभिन्न रूपों की लीला बताई जा रही है।
रासलील में अभिमन्यु के चक्र भेदने की कला बताई गई। रोचक ढंग से कलाकारों ने महाभारत के अभिमन्यु वृतांत को जीवंत कर दिया। इसके बाद कौरवों के मंत्री विधु और उनकी पत्नी विधुरानी का आकर्षक प्रसंग बताया। विधुरानी भगवान कृष्ण की सच्ची भक्त थी, एक बार उन्होंने भगवान का अभिवादन किया तो उन्हें निहारने में इतनी गमगीन हो गईं कि उन्होंने केले की जगह भगवान को केले के छिलके खिला दिए।
यानी केला अलग पटक दिया और छिलके से ही उनका अभिवादन किया। छिलके को भी भगवान बड़े पे्रम से ग्रहण किया। यह देख विधु ने रानी से पूछा कि तूने यह क्या कि भगवान को छिलके खिला दिए। इस पर भगवान ने प्रसन्न होते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया और अंतरध्यान हो गए। रविवार को रासलीला में नानीबाई का मायरा प्रसंग पर लीला हुई। राधे-राधे संकीर्तन मंडल के तत्वावधान में की जा रही रासलीला का समापन 17 जनवरी को होगा। मंडल के सचिव विष्णु बड़ोने ने बताया कि वंृदावन धाम की श्री बृज बल्लभ लीला संस्थान द्वारा भगवान कृष्ण की विभिन्न लीलाओं और रास पर आधारित रासलीला की जा रही है। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का हुजूम सर्द रातों में भी उमड़ रहा है। शाम सात से रात 11 बजे तक रासलीला का आकर्षक आयोजन किया जा रहा है।