परेशानियों का सामना करना पड़ रहा
दरअसल, ब्यावरा शहरी क्षेत्र में चोक हुई और ओव्हर फ्लो हो चुकी नालियों से पूरे प्रोजेक्ट की सूरत बिगड़ गई है। पहली बारिश से ही राजगढ़ चौराहे वाले अंडरब्रिज के नीचे पानी जमा हो रहा है, वहीं बखतपुरा के आस-पास के घरों, खेतों में भी नालियों का पानी जमा हो रहा है। इससे लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उसी हिसाब से काम किया जैसी डीपीआर थी
इधर, मैंटेनेंस टीम निर्माण एजेंसी का दावा है कि हमने प्रोजेक्ट डीपीआर और तय ड्रॉइंग के हिसाब से ही काम किया है। जो भी खामियां है एनएचएआई के प्रस्तावित प्रपोजल के समय की है। हमारी ओर से कोई कमी नहीं है, क्षेत्र हमारे लिए नया था तो हमने उसी हिसाब से काम किया जैसी डीपीआर थी।
कोई समाधान फिलहाल नहीं कर पाई
बखतपुरा क्षेत्र के खेतों-घरों के पानी को लेकर उनका तर्क है कि यहां का डीपीआर भी एनएचआई ने ऐसा ही दिया था, वहां अतिक्रमण की जद में आ रहे कुछ निर्माणों को मुआवजा इत्यादि मिल चुका है। इसके बाद डीपीआर के हिसाब से ही नालियां बनाई गईं और उनमें से ही पानी निकल रहा। ऐसे में टीम वहां का कोई समाधान फिलहाल नहीं कर पाई।
अंडरब्रिज का पानी निकालने चौक हुई नाली साफ की
लगभग पहली बारिश से ही राजगढ़ बाइपास चौराहे के अंडरब्रिज में पानी जमा हो रहा था। लगातार बारिश के बीच वहां करीब दो से ढाई फीट तक पानी जमा हो जाता था। पानी की पर्याप्त निकासी नहीं होने से ऐसी परेशानी आ रही थी। अब निर्माण एजेंसी की मैंटेनेंस टीम ने शुक्रवार को सर्विस रोड की ओर बनी नालियों की सफाई की। यहां एक्जिट पाइंट पर चोक हो चुकी नाली को साफ किया, तब जाकर ओव्हर ब्रिज का पानी नाली से निकल पाया।
रहवासी बोले- यहां न निकालें पानी, दिक्कत आ रही
कुछ दिन पहले नयापुरा, शिवधाम कॉलोनी क्षेत्र सहित राजगढ़ चौराहा क्षेत्र के रहवासियों ने प्रशासन से गुहार लगाई थी कि हाईवे की नालियों के ओव्हरफ्लो पानी से दिक्कत आ रही है। इसी कड़ी में मैंटेनेंस टीम के सामने भी स्थानीय नागरिक आ गए और उन्होंने मांग की कि फोरलेन का पानी हमारे रहवासी क्षेत्र से अलग किया जाए।
जेसीबी के माध्यम से ऐसा ढलान बनाया जाए ताकि पानी हम तक न पुहंचे। इस पर एजेंसी के सदस्यों ने कहा कि अभी बारिश में जेसीबी जा पाना संभव नहीं है, बाद में ही इसका समाधान हो पाएगा। फिलहाल वहां पानी जमा है, कोई स्थाई समाधान नहीं हो पाया है।
…और सर्विस लाइन की हाईमास्ट लाइटें महीनों से बंद
केंद्रीय भू-तल विभाग द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर अत्याधुनिक फोरलेन बनाए जाते हैं लेकिन एजेंसियों की अनदेखी से उनकी खामियां दूर नहीं की जातीं। आश्चर्य की बात है कि इतने बड़े प्रोजेक्ट में महीनों से हाईमास्ट लाइटें बंद हैं। जिन पर किसी जिम्मेदार अधिकारी का ध्यान नहीं जाता। पूरे बाइपास पर रात में अंधेरा पसरा रहता है जबकि वहां अत्याधुनिक लैम्प लगे हैं। बीओटी प्रोजेक्ट में उक्त फोरलेन होने के बावजूद इस बाद का कोई ध्यान नहीं रखता कि यहां की बिजली क्यों बंद है? करीब महीनेभर पहले गुना नाका से राजगढ़ बाइपास के बीच बंद पड़ी लाइटें अभी तक नहीं चालू हो पाईं हैं।
प्रोजेक्ट में ही दिक्कत, हमारी ओर से नहीं
हमने मौका मुआयना किया है, शुक्रवार को भी हमारी टीम वहां पहुंची है। बाइपास के जिन घरों-खेतों में पानी घुसा है उसमें हमारी ओर से कोई दिक्कत नहीं है। जैसा प्रोजेक्ट हमें मिला था उसी के हिसाब से हमने काम किया है। अंडरब्रिज में जमा पानी की निकासी के लिए चौक नाली ठीक करवाई है। हाईमॉस्ट लाइटें भी जल्द चालू करवाएंगे।
-सोहन गुप्ता, साइट मैनेजर, दिलीप बिल्डकॉन प्रालि, गुना-ब्यावरा प्रोजेक्ट