मरीज को प्रेरित कर उसका ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर तक अपना लक्ष्य पूरा कनरे में जुटे हैं। साथ ही विभाग को भी हायर लेवल पर शो करना है कि हमने बेहतर से बेहतर टीटी कैम्प किए। प्रेरक को प्रति केस मिलने वाले तीन सौ रुपए से मतलब है बाकी के अन्य तमाम जिम्मेदारों का फिक्स खर्च जुड़ा हुआ है। आज तक क्वालिटी वर्कपर किसी का ध्यान नहीं गया। जबकि हकीकत यह है कि जिले में पुरुष नसबंती का प्रतिशत अभी भी बेहद कम है।
टीटी में खर्च होने वाले खर्च का ब्यौरा
महिला दो हजार रुपए
मोटिवेटर (आशा) 300 रुपए
डॉक्टर सर्जन 200
एनेस्थैटिक 50
छोड़ेने का किराया 250
कुल पैकेज 3000
(स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार)
-डॉ. आरजी कौशल, प्रभारी, सिविल अस्पताल, ब्यावरा