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महिलाओं को गंदगी-बदबू के बीच जमीन पर लेटाया

locationराजगढ़Published: Dec 08, 2017 11:49:09 am

Submitted by:

brajesh tiwari

महज अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग मरीजों की सेहत तक का ध्यान नहीं रख पाते।

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Disappeared doctor from hospital irresponsibility on negligence

ब्यावरा. महज अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग मरीजों की सेहत तक का ध्यान नहीं रख पाते। शासन के आंकड़ों में टीटी केसेस की फाइल मजबूत करने और संख्या बढ़ाने के मक्सद से हर बार ब्यावरा अस्पताल में क्षमता से अधिक केसेस किए जाते हैं। नजीते में या टीटी के बाद महिलाओं को या तो जमीन पर लेटा दिया जाता है या फिर उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया जाता है।
दरअसल, टीटी कैसेस में कई बार सबक ले चुके अस्पताल प्रबंधन ने गुरुवार को दोबारा ऑपरेशन के बाद महिलाओं को न सिर्फ जमीन पर लेटाया बल्कि उनके बगल में गंदा पानी भरा था, कीट वाले खराब पलंग और गंदगी जमा थी। बदबू ऐसी का एक स्वस्थ्य व्यक्ति भी बैठ न सके। ऐसी तमाम रिस्क के बावजूद ऑपरेशन के बाद महिलाओं को लेटा दिया गया, इससे उनके ऑपरेशन में इन्फेक्शन के चांसेस तो बढ़े ही हैं वहीं अन्य दिक्कत की स्थिति बनी।
बता दें कि गुरुवार को 50 से अधिक कैसेस टीटी के हुए, जबकि नियमानुसार अस्पताल में 30 केस से अधिक नहीं होना चाहिए। इससे पहले भी दो गुरुवार को ऐसे ही महिलाओं को जमीन पर लेटा दिया गया था। इसमें खासी परेशानी महिलाओं और उनके परिजनों को हुई थी। इस बार तो पारा भी लुढ़का हुआ है ऐसे में सर्द मौसम में ऑपरेशन वाली महिलाओं के सामने परेशानी और बढ़ गई।
सब अपना रिकॉर्ड बनाने में जुटे
मरीज को प्रेरित कर उसका ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर तक अपना लक्ष्य पूरा कनरे में जुटे हैं। साथ ही विभाग को भी हायर लेवल पर शो करना है कि हमने बेहतर से बेहतर टीटी कैम्प किए। प्रेरक को प्रति केस मिलने वाले तीन सौ रुपए से मतलब है बाकी के अन्य तमाम जिम्मेदारों का फिक्स खर्च जुड़ा हुआ है। आज तक क्वालिटी वर्कपर किसी का ध्यान नहीं गया। जबकि हकीकत यह है कि जिले में पुरुष नसबंती का प्रतिशत अभी भी बेहद कम है।
टीटी में खर्च होने वाले खर्च का ब्यौरा
महिला दो हजार रुपए
मोटिवेटर (आशा) 300 रुपए
डॉक्टर सर्जन 200
एनेस्थैटिक 50
छोड़ेने का किराया 250
कुल पैकेज 3000
(स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार)
हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने ऐसे मामले में जमीन पर लैटाने के निर्देश सभी को दिए हैं। एक कैम्प में ऐसे 30 केस हम जमीन पर लैटा सकते हैं। इतना बड़ा ऑपरेशन नहीं होता है, जहां तक इन्फेक्शन की बात है तो वह परेशानी तो रहती है।
-डॉ. आरजी कौशल, प्रभारी, सिविल अस्पताल, ब्यावरा
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