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health department Negligence : रिस्की केस बताकर प्रसूता को पहले राजगढ़ भेजा, वहां से भोपाल, रास्ते में ही डिलिवरी

locationराजगढ़Published: Jun 30, 2019 12:00:34 pm

स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों द्वारा जिम्मेदारी का निर्वाहन करने में आनाकानी की जा रही है।

health department Negligence

-ब्यावरा.प्रसूता ने लालघाटी पर बच्चे को जन्म दिया, जो अब भोपाल मे भर्ती है।

ब्यावरा. लगभग हर दिन सामने आ रही स्वास्थ्य विभाग की खामियों Health department negligence से न सिर्फ स्वास्थ्य विभाग health department’s की इमेज खराब हो रही है बल्कि लोगों में भी दिन-ब-दिन विश्वास खत्म होता जा रहा है। डॉक्टर्स हों या नर्सिंग स्टॉफ Doctors or nursing staff हर स्तर पर जिम्मेदारी का निर्वाहन करने में आनाकानी की जा रही है।

ब्यावरा सिविल अस्पताल civil hospital में शुक्रवार रात करीब 10 बजे अस्पताल पहुंची एक प्रसूता को रिस्की केस बताकर पहले राजगढ़ रेफर किया। फिर वहां की ड्यूटी डॉक्टर Doctor ने इसे क्रिटिकल ही बताते हुए भोपाल Bhopal भेज दिया। जननी वाहन से उसे रात करीब 11.30 बजे भोपाल ले जाया गया, जहां लाल घांटी तक पहुंचते-पहुंचते ही उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। अब दोनों जच्चा-बच्चा भोपाल के सुल्तानिया अस्पताल sultania hospital bhopal में भर्ती parents admitted है।

परिजनों ने लगाया आरोप
जानकारी के अनुसार दर्द से कराहती प्रसूता मनीषा पति निदेश वर्मा (22) निवासी भगोरा परिजन लेकर अस्पताल पहुंचे थे, जहां से स्टॉफ ने पेट में पानी इकट्ठा हो जाने का कहकर भेज दिया था। मामले में प्रसूता के पिता अमृतलाल सहित परिजनों का आरोप है कि सरकारी अस्पतालों में कोई काम ही नहीं करना चाहता। इससे पहले भी एक रिश्तेदार की डिलिवरी के दौरान स्टॉफ ने लापरवाही बरती थी। जिसमें इसी तरह केस को रिस्की बताकर पहले राजगढ़ और फिर वहां से भोपाल भेज दिया था।

 

सीधे रेफर ही कर दिया जाता है

उस केस में भी लाल घाटी के आस-पास की प्रसूता की डिलिवरी हुई थी। यानि जिला अस्पताल हो या कोई भी सिविल अस्पताल काम कोई नहीं करना चाहता। रेफर करने का ढर्रा इस कदर हावी हो गया है कि सामान्य मरीज को भी सीधे रेफर ही कर दिया जाता है। जबकि सीजर या अन्य कोई वैकल्पिक इंतजाम के आधार पर काम किया जा सकता है।

 

बड़ा सवाल आखिर कब शुरू होंगे सीजर?
तमाम प्रकार की सुविधाएं होने, विशेषज्ञ डॉक्टर्स होने के बावजूद सिविल अस्पताल ब्यावरा और जिला चिकित्सालय में विभाग सीजर नहीं कर पा रहा है। लगभग हर केस को रिस्की बताकर रेफर कर अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया जाता है। ब्यावरा में एनेस्थैटिक होने, महिला रोग विशेषज्ञ होने के बावजूद सीजर करने में डॉक्टर्स को बड़ी दिक्कत है। दो-दो बार ऑपरेशन थियेटर की कल्चर रिपोर्ट भेज देने के बाद भी कोई समाधान नहीं हो पा रहा और हर दूसरा या तीसरा मरीज इसी तरह से परेशान हो रहा है।

 


मैं दिखवाता हूं, बात करता हूं
ब्यावरा का क्या मामला है मुझे पता नहीं है मैं दिखवाता हूं। जहां तक बात सीजर और हर केस को रेफर कर देने की है तो इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों ने स्थानीय डॉक्टर्स व अन्य जिम्मेदारों को भोपाल बुलाया है।
-डॉ. ए. के. सक्सेना, प्रभारी सीएमएचओ, राजगढ़

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