हालांकि इस समिति में बीएमओ खुद भी शामिल होते है, लेकिन उन्होंने भी बच्चों के उपचार की जगह खुद का आराम जरूरी समझा। जीरापुर अस्पताल में एनबीएसयू, फोटो थैरेपी लंबे समय से चल रहा है, लेकिन हाल ही में नए भवन के निर्माण के बाद यह वार्ड वहां शिफ्ट कर दिया गया। मंगलवार को यहां दो बच्चे भी भर्ती थे, लेकिन उन्हें हवा लगती रहे। इसके लिए जो इलाज दरवाजा बंद करके होना चाहिए। एसी के अभाव में दरवाजा खोलकर रखा जा रहा था। हालांकि उन बच्चों की देखभाल के लिए कोई नजर नहीं आया।
क्यों है जरूरी वार्ड में एसी
नवजात बच्चों में बढ़ते पीलिया, स्वास या फिर वजन कम होने संबंधी बीमारियों को रोकने के लिए एनबीएसयू वार्ड में लगी फोटो थैरेपी का उपयोग होता है। बच्चों को मेडिसिन के अलावा लाइट से थैरेपी दी जाती है। ऐसे में बच्चों के शरीर में खासी गर्मी बढ़ती है। इस गर्मी का असर बच्चों के स्वास्थ्य पर न पड़े। इसके लिए ऐसे वार्डों में एसी का उपयोग होता है। साथ ही इन वार्डों को बंद रखा जाता है। ताकि बाहरी इंफेक्शन न फैले।
नहीं पता कि किस स्थिति में है शिशु मृत्यु दर
जिले में शिशु मृत्यु दर की स्थिति प्रदेश में क्या है। इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन को नहीं है। इस संबंध में जिले के कई अधिकारियों से जानना चाहा, लेकिन उन्हें प्रति हजार पर ६० बच्चों की मौत की जानकारी तो है, लेकिन प्रदेश में किस स्थिति में जिले का नाम है। यह जानकारी नहीं मिली। जीरापुर अस्पताल की बात करें तो एक माह में ही दो बच्चों की मौत हो चुकी है।
जिले में शिशु मृत्यु दर की स्थिति प्रदेश में क्या है। इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन को नहीं है। इस संबंध में जिले के कई अधिकारियों से जानना चाहा, लेकिन उन्हें प्रति हजार पर ६० बच्चों की मौत की जानकारी तो है, लेकिन प्रदेश में किस स्थिति में जिले का नाम है। यह जानकारी नहीं मिली। जीरापुर अस्पताल की बात करें तो एक माह में ही दो बच्चों की मौत हो चुकी है।
विवेक दुबे,बीएमओ से सीधी बात
सवाल-सर, अपने यहां एनबीएसयू वार्ड है। उसमें बच्चे भर्ती है क्या।
बीएमओ-जिन्हें जरूरत होती है उन्हें भर्ती किया जाता है।
सवाल-अभी भर्ती है क्या।
बीएमओ-देखना पड़ेगा। इसके प्रभारी डॉ.नाहटा है।
सवाल-डॉ. तो नहीं मिले, लेकिन बच्चे थे। जो एसी लगा था। वह नजर नहीं आया।
बीएमओ- हां वहां लगवाना है। पहले जो एनबीएसयू था सरकार ने उसे केंसिल कर दिया है। अब सिर्फ एनबीसीसी रह गया।
सवाल-वहां एक एसी भी था। वह कहां गया।
बीएमओ-एसी मेरे कक्ष में लगा लिया। समिति ने निर्णय लिया। मैं तो साधारण व्यवस्था में बैठता हूं। मुझे एसी की जरूरत नहीं है।
सवाल-समिति ने अजीब निर्णय लिया सर।
बीएमओ- नहीं, हम वहां भी लगवा देंगे।
एनबीएसयू वार्ड के संबंध में मैं नहीं बता पाऊंगा। मैं इसका प्रभारी नहीं हूं।
डॉ.संदीप नाहटा, चिकित्सक जीरापुर