script‘पप्पू पास हो गया’ : अस्पताल का सफाईकर्मी बना ‘नायक’, बदलेगा पंचायत की तकदीर! | Hospital's sweeper becomes 'hero', the fate of panchayat will change | Patrika News

‘पप्पू पास हो गया’ : अस्पताल का सफाईकर्मी बना ‘नायक’, बदलेगा पंचायत की तकदीर!

locationराजगढ़Published: Jun 26, 2022 08:54:24 pm

491 मतों से हासिल की जीत, 20 साल से सिविल अस्पताल में दे रहे सेवाएंब्यावरा की परसूलिया ग्राम पंचायत में रिकाॅर्ड मतों से जीते पप्पू वाल्मीकि

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राजेश विश्वकर्मा
ब्यावरा.अमूमन चुनावों में राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले लोग ज्यादा रुचि रखते हैं, लेकिन इस बार के पंचायत चुनाव में सिविल अस्पताल के सफाईकर्मी पप्पू ने बड़ी जीत हासिल की है। ब्यावरा अस्पताल में काम करने वाले सफाईकर्मी पप्पू वाल्मीकि अब ग्राम पंचायत परसूलिया की जिम्मेदारी संभालेंगे। वे पंचायत की तकदीर बदलने का दावा कर रहे हैं। उसके निकटतम प्रतिद्ववंदी देवीलाल वर्मा को 216 वोट मिले हैं।
पप्पू ने संकल्प लिया है कि गांव की बेहतरी के लिए सेवा भाव से काम करता रहूंगा। पप्पू ने आरक्षित सीट पर ब्यावरा की करनवास ग्राम पंचायत में रिकॉर्ड 491 मतों से जीत हासिल की है। 20 अस्पताल में सेवाएं देते रहे। इस बार आरक्षित सीट पर उन्होंने सामान्य तौर पर चुनाव में दावेदारी की, आवेदन किया और विनम्रता, सहजता से गांव के लोगों का आशीर्वाद मांगा। अन्य दो प्रतिद्वंद्वि भी पंचायत मैदान में थे, लेकिन पप्पू का मधुर व्यवहार, विनम्रता और सहजता लोगों को भा गई। हर समाज के लोगों ने उन्हें सहयोग किया और परिणाम रहा कि पप्पू ने बड़ी जीत अपने नाम कर ली। मुख्य हाईवे फोरलेन से लगी ग्राम पंचायच में हर वर्ग, समाज के लोग निवास कर रहे हैं। लेकिन सहजता से पप्पू ने उनसे बात की और अधिकांश लोगों ने उनका सहयोग किया। उनकी बड़ी जीत पर विधायक रामचंद्र दांगी ने भी सम्मानित किया और हौसला अफजाही की है।
तीन प्रत्याशी थे मैदान में, सबसे आगे रहा पप्पू
पप्पू सर्वाधिक 491 मतों से विजयी रहे। अभी तक के आंकड़ों के अनुसार ये सबसे ज्यादा मत हैं। अधिकारियों का कहना है कि दो से तीन हजार वोटों वाली ग्राम पंचायतों में 10 से 12 प्रत्याशी रहे तो कहीं आठ से 10 रहते हैं। ऐसे में इतने बड़े अंतर से जीतना मुश्किल है। अभी तक की गिनती और आंकड़ों के मुताबिक परसूलिया पंचायत में वोटों की संख्या काफी ज्यादा है। जिससे जीतने वाला सरपंच पप्पू है।
गांव के लोग बोले- लड़ो हम साथ हैं, तब तैयार हुआ पप्पू
विजेता पप्पू बताते हैं कि मुझे गांव के सभी लोगों ने कहा तब जाकर तैयार हुआ। उन्होंने कहा कि तुमसे बेहतर ईमानदार, सेवाभावी और विनम्र कोई नहीं है। इसी आधार पर पप्पू तैयार हुआ और मैदान में आया। फॉर्म डालकर उसने सहज भाव से प्रचार शुरू किया और मतदान के दिन भी सभी से आशीवार्द लिया। परिणाम स्वरूप उसे बड़ी जीत मिली।
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जीत के बाद अपनों के बीच पप्पू, निकाला जुलूस। IMAGE CREDIT: patrika.com
39 साल के पप्पू के चुनाव में खर्च नहीं हुआ एक रुपया भी?
10वीं पास पप्पू के घर में माता-पिता, पत्नी और चार बच्चे हैं। उनमें एक बेटा और तीन बेटियां हैं। 39 वर्षीय पप्पू ने सभी का दिल जीत लिया। इस चुनाव में उन्हें कोई खर्च नहीं करना पड़ा। यह भी माना जा रहा है कि यह पहली पंचायत होगी जहां के प्रत्याशी का एक रुपया भी चुनाव में खर्च नहीं हुआ है। लोगों ने उसे भरोसा दिया और उसी आधार पर चुनाव लड़ाई।
गांव की बेहतरी के लिए 100 प्रतिशत दूंगा: पप्पू
मेरी पारिवारिक पृष्ठभूमि से हम शुरू से ही सेवा करते आए हैं। अभी भी भगवान रूपी मतादाता ने जो आशीर्वाद दिया है उसका कर्ज जरूर चुकाऊंगा। सेवा कार्य करता रहूंगा। मेरा सौभाग्य होगा कि मैं किसी के काम आ पाऊं, किसी का काम कर दूं। गांव की बेहतरी और विकास के लिए अपना 100 प्रतिशत दूंगा।
-पप्पू मेहतर (वाल्मीकि), नव-निर्वाचित सरपंच, ग्राम पंचायत परसूलिया
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