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बोवनी का दौर : पांच हजार रुपए क्विंटल तक बिक रही सोयाबीन

locationराजगढ़Published: Jun 25, 2018 03:20:12 pm

Submitted by:

Ram kailash napit

महंगा बीज खरीदेंगे किसान, अधिकतर किसान औने-पौने दाम में बेच चुके हैं सोयाबीन

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Agricultural Produce Market Committee, Bayaa.

ब्यावरा. 3050 रुपए में समर्थन मूल्य पर किसानों की सोयाबीन खरीदने के बाद अब उन्हीं किसानों को बोवनी के लिए बीज पांच हजार रुपए क्विंटल तक मिल रहा है। समर्थन मूल्य से भी कम और औने-पौने दाम में सोयाबीन बेच चुके किसान अब महंगे बीज खरीदने को मजबूर है।
हालांकि यह आषाढ़ी (बोवनी का सीजन) के दौर में हर बार ही स्थिति रहती है,लेकिन इसमें हर जरूरतमंद और छोटे किसान को परेशान होना पड़ता है। यह वहीं किसान होता है जो सीजन के समय औने-पौने दाम में अपनी सोयाबीन बेच देता है ताकि अपनी जरुरत पूरी कर सके और उसी किसान को वैसी ही सोयाबीन खरीदने के लिए मनमाने दाम देना पड़ते हैं। खास बात यह है कि कृषि विभाग द्वारा उपचारित बीज भी करीब पांच हजार रुपए क्विंटल में मिल रहे हैं।

दुकानों में 4500, छोटी जगह मनमाने दाम
जानकारी के अनुसार बोवनी के लिए तैयार किएजाने वाले तथाकथित उपचारित बीच (सोयाबीन 9560) अधिकृत दुकानों पर 4500 रुपए प्रति क्विंटल में मिल रहे हैं। वहीं, छोटे शहरों, कस्बों में मनमाने दाम (5000 से 5500) तक किसानों से वसूले जा रहे हैं। खास बात यह है कि शासन ने मार्केट में आने वाले मंदी और अचानक से आ जाने वाली तेजी का कोई दायरा तय नहीं किया। हर बार बोवनी के समय यह मार किसानों पर पड़ती है। जिन दुकानों पर ये बीज मिल रहे हैं वे उपचारित है भी या नहीं यह भी तय नहीं है।इ-अनुज्ञा और पूर्णत: ऑनलाइन खरीदी के सरलीकरण की मांग को लेकर तीन दिन बंद रही और लगातार तीन दिन
अवकाश के कारण छह दिन से बंद मंडी ने किसानों का गणित बिगाड़ दिया है। बोवनी के सीजन में लगभग एक सप्ताह मंडी बंद रहने से उपज बेचने में किसानों को खासी परेशानियों का सानना करना पड़ा। बोवनी के सीजन में अचानक से मंडी में बंद हुई खरीददारी के कारण पूरा शेड्यूल गड़बड़ा गया। चुङ्क्षनदा बचे हुए किसान भी अपनी उपज नहीं बेच पा रहे। 21 से 23 तक प्रदेशस्तरीय आह्वान पर व्यापारियों ने खरीदी नहीं की। फिर शनिवार, रविवार और साप्ताहिक अवकाश आ जाने से मंडी बंद रही। अब मंगलवार से खरीदी विधिवत शुरू होगी।

फैक्ट-फाइल
-तीन लाख छह हजार सोयाबीन।
-दो हजार ज्वार।
-७१ हजार मक्का।
-१६०० तिल।
-१२०० मूंगफली।
-२१००० हजार ।
-०७ हजार अरहर।
-३५०० मंूग।
(आंकड़े कृषि विभाग के अनुसार प्रति हैक्टेयर में)


तीन दिन व्यापारियों का विरोध था, बाकी दिन लगातार अवकाश पड़ जाने से मंडी बंद रही। मंगलवार से मंडी में विधिवत खरीदी शुरू हो जाएगी, किसान अपनी उपज लेकर पहुंच सकते हैं। वहीं, तमाम मंडियों में इ-अनुज्ञा एक जुलाई से लागू हो जाएगी।
-आरके रावत, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति, ब्यावरा
किसानों से पहले दो, ढाई और तीन हजार में सोयाबीन खरीद कर शासन ने वाहवाही लूट ली। अब उन्हीं किसानों को साढ़े चार से पांच हजार रुपए क्विंटल में बीज मिल रहा है। यह सीधे तौर पर किसानों के साथ छलावा है।
-कुमैरसिंह सौंधिया, जिला अध्यक्ष, भारतीय किसान संघ, राजगढ़
इ-अनुज्ञा या ऑनलाइन खरीदी का हम विरोध नहीं कर रहे हैं हम सिर्फ सरलीकरण की मांग रहे हैं। तोल चढ़ाना, हिसाब पत्रक, गेट पास, इ-अनुज्ञा सभी यदि व्यापारी करेंगे तो मंडी प्रशासन क्या करेगा? हमारा कहना है कि व्यापारियों का काम बढ़ाने के बजाए कोई बीच का हल निकाला जाए।
-गिरिश गुप्ता, सचिव, मंडी व्यापारी एसोसिएशन, ब्यावरा
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