डॉक्टर्स और विशेषज्ञ बताते हैं कि हमें जीवनशैली बदलना होगी। हम पुराने जीवन को अब नहीं अपना सकते। कोशिश करें कि अभी वर्तमान दौर में भी तभी घर से बाहर निकलें जब बेहद जरूरी हो। बेहद जरूरी होने पर ही बाहर निकलें। परिवार के लोगों को चाहिए कि वे जिम्मेदारी बांट लें, जरूरी काम से सिर्फ एक ही व्यक्ति बाहर जाए। अन्यथा न सिर्फ हम खुद बल्कि परिवार को भी खतरे में डाल देंगे। हमारा संयम ही हमें बचाएगा, अन्यथा खतरा कैसे भी आ सकता है।
ऑक्सीजन प्लांट के भरोसे व्यवस्थाएं, बाकी बच्चों के लिए कुछ नहीं
हमारे पास तीसरी लहर से लडऩे के लिए सिर्फ नये बनाए जा रहे ऑक्सीजन प्लांट और प्रशासनिक स्तर की तैयारियां मात्र ही हैं। बाकी अन्य आईसीयू वार्ड व अन्य इमरजेंसी व्यवस्था नहीं है। यानि खतरा उतना ही है जितना दूसरी लहर के दौरान था। बाकी बच्चों के लिए भी हमारे पास अन्य कोई इंतजाम नहीं है। छोटे बच्चों के लिए महज एक आईसीयू एसीएसयू वार्ड में है। बाकी सामान्य बेड वाले वार्ड ही हैं जिनमें बच्चों को रखने की योजना है।
जीवन का हिस्सा बनाएं ये सावधानियां
वायरस लगातार म्यूटेशन कर रहा है। हमें हर्ड इम्यूनिटी की जिले में उम्मीद थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वायरस मल्टीप्लाई होता जा रहा है, जिससे और भी खतरनाक हो रहा है। ऐसे में हमारी सावधानियां ही हमें बचा सकती हैं, इन्हें जीवन का हिस्सा बना लेने की बेहद जरूरत है।
-डॉ. योगेश दांगी, एमडी मेडिसीन, जिला अस्पताल, राजगढ़
हर स्तर की तैयारी में प्रशासन, लेकिन सावधानी जरूरी
प्रशासनिक स्तर पर तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं, जल्द ही ऑक्सीजन प्लांट बनकर तैयार हो जाएगा। बच्चों के लिए भी जो जरूरी संसाधन हैं उनकी मांग की गई है। हर स्तर पर हमारी तैयारी जारी है लेकिन इतना ही जरूरत हम सभी को सावधान भी रहने की है।
-नीरज कुमार सिंह, कलेक्टर, राजगढ़