दरअसल, शासन ने हाल में एक नया फरमान जारी किया है कि तमाम अवैध कॉलोनियां वैध होंगी। इनमें वे तमाम कॉलोनियां शामिल होंगी जिनके पास न डायवर्शन है और न ही टीएनसीपी की एनओसी, न ही जिन्होंने कॉलोनी में रहने वाले रहवासियों को एक भी सुविधा का लाभ दिया। उन तमाम नियमों का पालन भी उन्होंने आज तक नहीं किया जो कॉलोनी एक्ट के तहत कॉलोनाइजर को करना चाहिए, लेकिन उन्हें वैध किया जाएगा। यानी रसूखदार कॉलोनाइजर्स को बचाने और उन्हें हरी झंडी देने यह नियम हावी कर दिया गया है।
यह है शासन का नया नियम
जिला प्रशासन अपने स्तर उन तमाम कॉलोनियों का चयन करेगा जिन्होंने नियमों का पालन नहीं किया। उसमें नियामनुसार पार्किंग, गार्ड, उद्यान, मंदिर सहित सीसी रोड, एप्रोच रोड के लिए विकास शुल्क इत्यादि जमा करवाकर, ये तमाम व्यवस्थाएं देना होंगी। तभी उन्हें वैध माना जाएगा। साथ ही रेरा में पंजीयन, भूमि का डायवर्शन, सेवा शुल्क, तमाम प्रकार के टैक्स, टाउन एंड कंट्री प्लॉनिंग से एनओसी की प्रक्रिया पूरी करना होगी। वर्ष-२०१६ से पहले वाली तमाम अवैध कॉलोनियों को इसमें वैध किया जाना है। इसके बाद खेत या अन्य जगह अवैध रूप से काट ली गई कॉलोनियों वालों पर नियमानुसार कार्रवाई का प्रावधान है लेकिन स्पष्ट नहीं है।
जो जहां रह रहा उसे पूरी सुविधा मिले
प्रशासनिक अफसरों के अनुसार सीएम ने सभी कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि सभी कॉलोनियां अवैध की जाए। इसके पीछे शासन की मंशा यह है कि जो जहां, जैसे भी रह रहा उसे हर सुविधा का लाभ मिले। यानी किसी ने खेत में भी प्लॉट काट दिए या एनओसी नहीं ली तो अब ले ले, लेकिन कॉलोनी एक्ट का पालन करते हुए हर रहवासी को पूरी सुविधा मुहैया करवाए।
और बढ़ेंगे अवैध कॉलोनी के मामले
शासन की मंशा यहां स्पष्ट नहीं होती कि अभी भले ही सुविधा मिल जाए, लेकिन अभी तक की गलती के लिए क्या पेनाल्टी और सजा? वैसे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस चुनावी साल में यदि अवैध कॉलोनियों को शासन खुद वैध करने में जुटा तो न सिर्फ अवैध कॉलोनियों को बढ़ावा मिलेगा। बल्कि लोग इसका दुरुयोग करेंगे और आगे आकर कहीं भी कॉलोनियां काटने लगेंगे।
उन्हें पता है कि शासन उन्हें वैध कर ही देगा।
ये हैं एक वैध कॉलोनी के नॉम्र्स
टीएनसीपी सहित तमाम विभागों की एनओसी।
डायवर्शन करवाकर रहवासी क्षेत्र में ही कॉलोनी निर्माण।
तय मापदंडों के अनुसार रहवासियों को सुविधा में कोई कमी नहीं।
कॉलोनी की लागत का २५ फीसदी एरिया गरीबों के लिए दें या उतनी राशि राजस्व विभाग में जमा हो।
एप्रोच रोड, सीसी रोड, पानी इत्यादि की नियानुसार सुविधा।
नियमानुसार बिजली कनेक्शन और नपा में अधिग्रहित हो।
फैक्ट-फाइल
-१५० से अधिक कॉलोनियां जिले में।
-७०-८० से अधिक अवैध।
-२०१२ का सर्वे में महज ४५ कॉलोनियां जिले में।
-10 फीसदी को भी टीएनसीपी की एनओसी नहीं।
(जानकारी नगरीय प्रशासन के अनुसार)
शासन की मंशा अवैध कॉलोनियों को वैध करने की है। इसमें आम जनता को कॉलोनी एक्ट के तहत लाभ मिले, यही प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें तमाम प्रकार की फर्मालटिज नियमानुसार ही पूरी की जाएगी। साथ ही शासन के तमाम नॉम्र्स तो उन्हें भी फॉलो करना ही होंगे। जिन्होंने गलती की उन पर कार्रवाई का क्या पैमाना है यह स्पष्ट नहीं।
-प्रवीणसिंह, प्रभारी एडीएम, राजगढ़