दरअसल, जिले के तमाम जिम्मेदार अफसरों और जनप्रतिनिधियों की आंख के नीचे किए जा रहे अवैध निर्माण के मामले में शिकायत होने के बाद एसडीएम ने नए सिरे से कब्जा कर बनाई गई दुकानों का काम रोकने नोटिस चस्पा करवाया। इस बीच किसी भी प्रकार से काम शुरू करने पर प्रशासनिक स्तर पर प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
हालांकि अभी तक फैसला नहीं हो पाया कि आखिर मामले में होगा क्या? सिविल सर्जन डॉ. आरजी. कौशल के पास अभी भी ब्यावरा अस्पताल, रोकस का वित्तीय प्रभार है।
स्थानीय डॉक्टर इन विवादों में पडऩा नहीं चाहते इसलिए प्रभार ही नहीं लिया। हालांकि सीएमएचओ ने सख्त निर्देश दिए हैं कि तत्काल प्रभाव से एफआईआर दर्ज करें वरना आपके खिलाफ कार्रवाई होगी। एसडीएम ने भी अगली बैठक में दुकानों के संबंध में निर्णय लेने की बात कही।
दबाव में आकर गोलमोल कार्रवाई
प्रशासन की लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पहले उन्हीं के सामने निर्माण किया गया। अब कार्रवाई भी ठेकेदार तक सीमित रह गई, जबकि तमाम अवैध कब्जा करने वालों को इससे दूर रखा गया है।
जिम्मेदार और पावर वाले जनप्रतिनिधि इन्हें खुले तौर पर श्रेय देने पर तुले हैं और सरेआम बचाव कर रहे हैं। वहीं निष्पक्ष माना जाने वाला जिला प्रशासन भी तमाम चीजें स्पष्ट होने के बावजूद मौन है।
वैध निर्माण करने वाले ठेकेदार के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने को लिखा है। वैसे दुकानें पूरी अवैध है। मैं पूरी फाइलों की जांच कर रहा हूं, जहां जिस स्तर पर भी गड़बड़ी होगी कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. वीके सिंह, सीएमएचओ राजगढ़
एक बैठक ओर रोकस की बुलाई जाएगी। इसके बाद निर्णय लिए जाएंगे कि दुकानों का क्या करना है। फिलहाल हर हाल में काम रोक दिया गया है। जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-प्रदीप सोनी, एसडीएम ब्यावरा