फिजिकल वैरिफिकेशन करेगी
दरअसल, वाणिज्यिक कर विभाग की टीम जिलेभर की फर्म का भौतिक सत्यापन (फिजिकल वैरिफिकेशन) करेगी। इसमें संबंधित जीएसटी नंबर के आधार पर संबंधित फर्म द्वारा दी गई जानकारी, उनके द्वारा फाइल किए गए रिटर्न इत्यादि के बारे में पूछा-परखा जाएगा। हाल ही में उत्तर प्रदेश में एक मामला सामने आया था कि संबंधित फर्म का वेरिफिकेशन किया तो मौके पर झोपड़ी मिली थी, यानि उस फर्म का मालिक वह था ही नहीं जिसकी जानकारी दी गई थी।
फिजिकल वैरिफिकेशन करेगी
दरअसल, वाणिज्यिक कर विभाग की टीम जिलेभर की फर्म का भौतिक सत्यापन (फिजिकल वैरिफिकेशन) करेगी। इसमें संबंधित जीएसटी नंबर के आधार पर संबंधित फर्म द्वारा दी गई जानकारी, उनके द्वारा फाइल किए गए रिटर्न इत्यादि के बारे में पूछा-परखा जाएगा। हाल ही में उत्तर प्रदेश में एक मामला सामने आया था कि संबंधित फर्म का वेरिफिकेशन किया तो मौके पर झोपड़ी मिली थी, यानि उस फर्म का मालिक वह था ही नहीं जिसकी जानकारी दी गई थी।
दी गई जानकारी सही है या नहीं
ऐसे में विभाग अब जांच करेगा कि संबंधित डीलर्स ने किस कमोडिटी की जानकारी दी है, भौतिक रूप से वह सही है या नहीं है। उनके द्वारा फोटो से लेकर नंबर तक की जानकारी भी सही है या नहीं, ऐसी तमाम बारीकियों पर काम किया जाएगा। जिस माल का टैक्स जमा कर रहे हैं उसी की डिलिवरी दे रहे हैं या नहीं। हालांकि विभागीय स्तर पर मैन पॉवर (स्टॉफ) की खासी कमी है, लेकिन अब टीमें बना दी गई हैं जो वैरिफिकेशन करेगी।
फैक्ट-फाइल
6000 कुल डीलर्स।
5200 प्रति माह टैक्स चुकाने वाले।
800 कंपोजिशिन स्कीम का लाभ लेने वाले।
1500 के जीएसटी नंबर हो चुके हैं रद्द।
(नोट : वाणिज्यिक कर विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार)
पांच करोड़ से अधिक सेल वालों की होगी स्क्रूटनी
भौतिक सत्यापन के साथ ही जिले में पांच करोड़ से अधिक के टर्नओव्हर वाली ऐसी फम्र्स जो सालाना तक का टैक्स जमा नहीं कर रही हैं, उनकी भी स्क्रूटनी की जाएगी। हालांकि यह प्रक्रिया का हिस्सा ही है लेकिन फिर भी कई लोग विभागीय स्तर की लंबी लेटलतीफी के चलते सरेआम टैक्स चोरी करने में तुले हैं।
ऐेसे लोगों पर अंकुश लगाने के लिए जांच भी की जाएगी। इसमें बड़े बिजनेसमैन से लेकर बड़े और नामी कॉन्ट्रैक्टर्स की डिटेल भी जुटाई जाएगी। यदि कहीं टैक्स जमा होना नहीं पाया गया तो उसका ऑडिट होगा, जरूरत पड़ी तो स्पेशल ऑडिट करवाएंग और छापा भी डाला जा सकता है।
फिजिकल वेरिफिकेशन करेंगे
जितनी भी पंजीकृत फर्म हैं उन्हें फिजिकली वैरिफाई किया जाएगा। जिस संबंधित जीएसटी नंबर पर फर्म का लेन-देन हो रहा है क्या वाकई में वह उसी मालिक का है या नहीं, इसकी जांच के लिए टीमें बनाई हैं। साथ ही पांच करोड़ से अधिक के टर्नओव्हर वाली फर्म जो टैक्स जमा नहीं कर रही उनकी भी स्क्रूटनी कर रहे हैं।
-सत्येंद्र चौरसिया, जिला वाणिज्यिक कर अधिकारी, राजगढ़